Emmanuel Macron: भारत के 75 वें गणतंत्र दिवस समारोह में 26 जनवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि होंगे. उन्हें भारत की ओर से गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसे लेकर तैयारियां अब जोरों पर है. इससे पहले 26 जनवरी 2023 को मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि के तौर पर समारोह में शामिल होने भारत आये थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल जुलाई में बैस्टिल डे परेड में शामिल होने के लिए फ्रांस गए थे. वहां प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात हुई थी. इस दौरान परेड में प्रधानमंत्री मोदी को गेस्ट ऑफ ऑनर भी दिया गया. फ्रांस के बैस्टिल डे परेड में एक सैन्य बैंड के नेतृत्व में 241 सदस्यीय त्रि-सेवा भारतीय सशस्त्र बल दल ने भी परेड में हिस्सा लिया था.
इस समारोह में शामिल होने के लिए खुद फ्रांस के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भेजा था. भारत और फ्रांस के रिश्ते को और मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-फ्रांस के रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के अवसर पर फ्रांस को बधाई भी दी थी.
इसी साल सितंबर में हुए जी 20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत आ चुके हैं. इस दौरान भारत और फ्रांस के मजबूत रिश्ते की झलक भी देखने को मिली थी जब प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच जी 20 से अलग द्विपक्षीय बैठक भी हुई.
इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने भारत -फ्रांस रिश्ते के बारे बात भी की थी. उन्होंने कहा कि दोनों नेता भारत-फ्रांस रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं". दोनों देश ने आपसी रक्षा साझेदारी को बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी जताई थी.
भारत- फ्रांस के रिश्ते कितने मजबूत हैं, इसका अंदाजा आपको इस बात से लगेगा कि इमैनुएल मैक्रों भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले फ्रांस के छठे राष्ट्रपति होंगे. उनसे पहले पाँच फ्रांसीसी राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर गणतंत्र दिवस समारोह में भाग ले चुके हैं.
इमैनुएल मैक्रों से पहले, 1976 और 1998 में पूर्व फ्रांसीसी प्रधानमंत्री जैक्स शिराक भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे. उनसे पहले क्रमशः 1980, 2008 और 2016 में पूर्व राष्ट्रपति वालेरी गिस्कार्ड डी-एस्टिंग, निकोलस सरकोजी और फ्रेंकोइस ओलांद मुख्य अतिथि थे.
गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मुख्य अतिथि का चुनाव विदेश मंत्रालय करता है. महीनों के विचार-विमर्श के बाद चीफ गेस्ट के नाम पर मुहर लगती हैं. इसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से चुने गए नाम की भारतीय प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भवन से भी अनुमति ली जाती है. तब उन्हें निमंत्रण भेजा जाता है.
इस दौरान कई अहम बातों का ध्यान रखा जाता है. जिस देश के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि बनाना है , उस देश से भारत के संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इससे दुनिया को ये संदेश भी दिया जाता है कि जिस देश के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर समारोह में शामिल हो रहे हैं, उनसे भारत की दोस्ती बहुत मजबूत है.
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