G-20 Summit 2023: जी-20 शिखर सम्मेलन में कितना आ रहा खर्चा, यहां जानिए सबकुछ

G-20 Summit 2023: 8-10 सिंतबर के बीच होने वाला जी 20 शिखर सम्मेलन के बैठक की चर्चा पूरी दुनिया में है. देश की राजधानी दिल्ली में आज कई देश के नेता पधारेंगे. इस सम्मेलन में दुनियाभर से कुल 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने के लिए भारत पहुंचने लगे है. इस शिखर सम्मेलन को सफल बनाने […]

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G-20 Summit 2023: 8-10 सिंतबर के बीच होने वाला जी 20 शिखर सम्मेलन के बैठक की चर्चा पूरी दुनिया में है. देश की राजधानी दिल्ली में आज कई देश के नेता पधारेंगे. इस सम्मेलन में दुनियाभर से कुल 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने के लिए भारत पहुंचने लगे है. इस शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए देश की मोदी सरकार किसी भी तरह की कसर नहीं छोडना चाहती है. वहीं दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों को खातिरदारी का पुख्ता इंतजाम किया गया है. पूरे दिल्ली को सजाया गया है. ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि इस सम्मेलन में कितना खर्चा लग रहा है तो चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.

आपको बता दें कि. जी 20 शिखर सम्मेलन को बेहतर बनाने के लिए काफी पैसे भी खर्च किए हुए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक जी 20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए इस पर करीब 10 करोड़ डॉलर से अधिक खर्च होने का अनुमान है. इस सम्मेलन में इतने रुपये खर्च होने की वजह ये है कि देश में पहली बार इतने बड़े स्तर का आयोजन किया है.

18 बार शिखर सम्मेलन का आयोजन-

एक रिपोर्ट के मुताबिक आज तक दुनियाभर में जितने में भी जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है उनमें से भारत में में होने जा रहा शिखर सम्मेलन सबसे बेहतर माना जा रहा है. अब तक  के जी 20 के इतिहास में कुल 18 बार शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है. इससे पहले जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन बाली में किया गया था. वहीं भारत में होने के बाद अगले साल यानी 2024 में जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन लैटिन देश ब्राजील में होने जा रहा है.

इन आंकड़ों से लगाइए जी 20 शिखर सम्मेलन के खर्चे का अंदाजा-

जी-20- शिखर सम्मेलन समूह में देशों की आर्थिक हैसियत का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि अगर इसके 20 सदस्यीय देशों को दुनिया से हटा दिया जाए तो पूरी दुनिया कंगाल हो जाएगी. जी 20 सम्मेलन में कुल 20 देश अकेले पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था यानी जीडीपी में करीब 85 फीसदी का योगदान देते हैं. आपको बता दें कि, जी 20 देशों का योगदान 75 प्रतिशत से ज्यादा है.