Gandhi Jayanti: हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. जबकि इस साल पूरा देश बापू की 154वीं जयंती मनाने वाला है. पीएम नरेंद्र मोदी जब रूस से यूक्रेन जंग को देखते हुए उन्होंने कहा था कि, ये युग युद्ध का नहीं है तो इस बात में महात्मा गांधी की झलक दिखाई पड़ रही थी.
अहिंसा परमो धर्म ये अपने जीवन काल में इस विचार की ताकत बनाकर बापू ने पूरी दुनिया को इसकी ताकत बताई. वहीं अहिंसक सत्याग्रहों के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर देश व दुनिया के अंदर हमेशा इतिहास रच दिए.देशों में आए संकट व कई मोर्चों पर असमानता के कारण युद्ध करने के लिए खड़ी दुनिया में बापू के विचारों की अधिक आवश्यकता है, ये हर कोई जानता है. इसके साथ ही बापू कहते थे कि “सादा जीवन उच्च विचार” सत्य के रास्ते पर चलकर अहिंसा का पालन करने का उनका सिद्धांत आज भी जिंदा है.
महात्मा गांधी के सिद्धांत आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं, वहीं बापू की दीवानगी हाल ही में भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दरमियान देखने को मिला था जब दुनिया के सबसे अधिक ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करके बताया ”भारत व अमेरिका के मध्य साझेदारी महात्मा गांधी के संरक्षक के सिद्धांत पर आधारित है. बाइडेन ने पीएम मोदी को राजघाट पर उन्हें ले जाने के लिए धन्यवाद भी दिया था.
बाइडेन के अलावा भी जी-20 समूह के अधिकतर दिग्गज नेता जो उस दिन पीएम मोदी के साथ राजघाट पहुंचे थे. वहीं उन सबों के मन में बापू का सत्य, अंहिसा व शांति का संदेश गूंज उठा होगा, इसके साथ ही उन्हें प्रेरणा पूर्ण कर दिया होगा. जबकि अपने अस्तित्व के छह दशक के उपरांत सयुंक्त राष्ट्र महासभा को भी अहसास हुआ कि, बापू की जयंती पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाना चाहिए.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ में कई ऐसे अवसर को बताया गया है जब उन्होंने स्वच्छता के लिए खुद को आगे कर लोगों को प्रेरित करने लगे थे. वहीं अपने हाथों से सार्वजनिक स्थानों पर सफाई करने की शुरूआत कर दी. महात्मा गांधी ने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था, उनका कहना था कि, सारे देशवासी एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने में अपना सहयोग दें. जबकि उनके इस सपने को पूर्ण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2014 के 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की जो आज भी लगातार जारी है.