Ban On SIMI: सरकार ने SIMI पर फिर बढ़ाया पांच साल का बैन, गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश

Ban On SIMI: पिछले साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (सिमी) पर लगे बैन को सही साबित किया था. सरकार की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामा में कहा गया था कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है.

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हाइलाइट्स

  • सरकार ने SIMI पर फिर बढ़ाया पांच साल का बैन
  • गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश

Ban On SIMI: केंद्र सरकार ने एक बार फिर 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को यूएपीए के तहत पांच साल की अगली अवधि के लिए 'गैरकानूनी संघ' घोषित करते हुए 5 साल के लिए बैन को बढ़ा दिया है. इस प्रतिबंध के बढ़ाए जाने के आदेश को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज (29 जनवरी) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट साझा करते हुए जानकारी दी. इससे पहले सिमी पर ये बैन 2019 में 5 साल के लिए बढ़ाया गया था.

गृह मंत्रालय ने पोस्ट में क्या कहा?

गृह मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण के तहत  'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)' को यूएपीए के तहत पांच साल की अगली अवधि के लिए 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है. सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है."

बता दें, कि पिछले साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर  'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (सिमी) पर लगे बैन को सही साबित किया था. सरकार की तरफ से दाखिल किए गए  हलफनामा में कहा गया था कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है. 

हलफनामे में केंद्र सरकार ने क्या लगाए थे आरोप 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि  कोई भी संगठन जिसका उद्देश्य भारत में इस्लामिक शासन को स्थापित करना है, उसे अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इस दौरान सरकार ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि सिमी के उद्देश्य देश के कानूनों के उलट हैं, क्योंकि संगठन का उद्देश्य इस्लाम के प्रचार में छात्रों और युवाओं को जोड़ना है और जिहाद के लिए समर्थन जुटाना है. 

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए इस हलफनामे में कहा गया कि कई वर्षों तक बैन रहने के बाद भी सिमी ने विभिन्न संगठनों के माध्यम से अवैध गतिविधियों में लिप्त रहना जारी रखा है, इसलिए उसके खिलाफ नया प्रतिबंध लगाया गया. सरकर ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सिमी पर  बैन लगाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करे.

2019 में भी बढ़ाया गया था बैन 

इससे पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहली बार भारत सरकार की तरफ से 1 फरवरी 2014 को प्रतिबंध लगाया था. वहीं इस बैन को 2019 में पांच साल की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था. 

इन आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे संगठन के सदस्य

सिमी को पहली बार 2001 में एक गैरकानूनी संगठन करार दिया गया था और उस पर कई बार बैन लगाया गया. इस संगठन के सदस्य देश में कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं. जिनमें 2014 में भोपाल जेल ब्रेक, 2014 में बेंगलुरु में एम चिन्नावामी स्टेडियम विस्फोट और 2017 में बिहार के गया में विस्फोट शामिल हैं.