Wednesday, September 27, 2023
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Guru Granth Sahib Prakash Parv: कल मनाया जाएगा गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश पर्व, 100 क्विंटल विदेशी फूलों से सजाया जा रहा है गोल्डन टेंपल

Guru Granth Sahib Prakash Parv:शनिवार को अमृतसर के गोल्डन टेंपल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन 13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दरबार सही में माथा टेकने की संभावना जताई जा रही है. इस खास मौके पर 100 क्विंटल फूलों से गोल्डन टेंपल को सजाया गया है जिसमें इस आतिशबाजी में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं की आगमन की संभावना है.

Guru Granth Sahib Prakash Parv: सिखों के पांचवे गुरु श्री अर्जुन देव जी ने 1604 में दरबार शाही में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था. तभी से लेकर अब तक हर साल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर पूरी श्रद्धा के साथ अमृतसर के गोल्डन टेंपल में मनाया जाता है. इस पर्व को बेहद ही खास अंदाज में मनाया जाता है. गोल्डन टेंपल को सुंदर-सुंदर फूलों से सजाया जाता है इसके लिए विदेश से फूल मंगाए जाते हैं. यह फूल थाईलैंड मलेशिया सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से इंपोर्ट किए जाते हैं.

अमृतसर के गोल्डन टेंपल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व के खास मौके पर गोल्डन टेंपल को सजाया जा रहा है जिसके लिए 180 कारीगर को लगाया गया है. यह कारिगर  दिन रात सजावट के काम में जुटे हुए हैं. सिर्फ गोल्डन टेंपल ही नहीं बल्कि श्री गुरु रामदास जी के नाम पर बने अमृतसर एयरपोर्ट को भी खूबसूरत फूलों से सजाया गया है.

सबसे पहले बाबा बुड्ढा जी ने की थी बाणी पढ़ने की शुरुआत-

सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी ने 1604 में दरबार साहिब में पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था 1430 बनने वाले इस ग्रंथ के पहले प्रकाश पर संगत ने कीर्तन दीवान सजाए और बाबा बुड्ढा जी ने बनी पढ़ने की शुरुआत की थी. जो आगे चलकर सिखों के दशम गुरु गोविंद सिंह ने हुक्म जारी किया कि सब सिखों को गुरु ग्रंथ पढ़ना चाहिए.

पूरी मानव जाति को एक लड़ी में पिरोने का संदेश है गुरु ग्रंथ साहिब-

सिखों में जीवंत गुरु के रूप में मान्य श्री गुरु ग्रंथ साहिब केवल सिख कौम ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति के लिए आदर्श व पत्र प्रदर्शक हैं. गुरु ग्रंथ साहिब एक ऐसा पावन ग्रंथ है जो तमाम तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर आपसी सद्भाव का संदेश देता है.

कल रामसर साहिब से निकलेगा नगर कीर्तन

आपको बता दे की गुरुद्वारा रामसर साहिब वाली जगह पर ही गुरु साहिब ने 1603  में भाई गुरदास से बाणी लिखवाने का काम शुरू किया था. गुरु साहिब ने इसमें बिना कोई भेदभाव के किए तमाम विद्वानों और भक्तों की वाणी को शामिल किया था. वहीं शनिवार को श्री रामसर साहिब से ही नगर कीर्तन निकाला जाएगा जो स्वर्ण मंदिर तक आएगा. वही इस दिन
श्रद्धालुओं के लिए लंगर की खास व्यवस्था की गई है. इसके अलावा कल गुरु घर में जलते सजाए जाएंगे वही रात के समय गोल्डन टेंपल मैं सुंदर आतिशबाजी भी देखने को मिलेगी.

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