Gyanvapi Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज की ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की सभी दलीलें, ASI  सर्वे को दिखाया हरी झंडी

Gyanvapi Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की चुनौती को खारिज करते हुए ASI सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है. ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को लेकर मस्जिद पक्ष को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद पक्ष […]

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Gyanvapi Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की चुनौती को खारिज करते हुए ASI सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है.

ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को लेकर मस्जिद पक्ष को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए ASI सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस फैसले को चीफ जस्टिस दिवाकर की सिंगल बेंच ने सुनाया है.

हिंदू पक्ष की सभी दलीलों को सुनते हुए ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने का आदेश वाराणसी कोर्ट ने दे दिया था लेकिन मस्जिद पक्ष इस सर्वे के खिलाफ थे. जिसके बाद मस्जिद पक्ष जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ 21 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस मामले में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने सुनवाई पूरा होने के बाद 27 जुलाई को पेमेंट रिकॉर्ड कर लिया था और ज्ञानवापी सर्वे पर भी रोक लगा दिया था. हालांकि सुनवाई के दौरान आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मे हलफनामा दिया था कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को नुकसान नहीं होगा.

मस्जिद पक्ष ने ज्ञानवापी सर्वे मामले पर जताई आपत्ति-

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वेक्षण मामले में मस्जिद पक्ष ने कई आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि  ASI जिला जज के फैसले के कुछ ही घंटे बाद ही सर्वे करने वाराणसी पहुंच गई. मस्जिद पक्ष का कहना है कि इस सर्वे से  ज्ञानवापी परिसर के मूल स्वपरु को नुकसान हो सकता है. मस्जिद पक्ष ने निचली अदालत के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसला सुनाया है.

हिंदू पक्ष की दलीलें

वहीं हिंदू पक्ष का कहना है कि राम जन्म भूमि में भी ऐसा सर्वे हुआ था लेकिन वहां पर कोई नुकसान नहीं हुआ. मुस्लिम पक्ष सर्वे से क्यों डर रही है. सच्चाई को सामने आते क्यों नहीं देना चाहते हैं.  ASI ने भी सर्वे को लेकर अपनी सहमति दी है और कहा है कि इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ढांचे का कोई नुकसान नहीं होगा.

क्या है ज्ञानवापी मामला-

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि, इस जगह पहले शिव जी का मंदिर था जिसे औरंगजेब ने तोड़ कर मस्जिद का निर्माण किया. हिंदू धर्म का ये भी दावा है कि इस विवादित परिसर के अंदर हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह आज भी मौजूद है. आपको बता दें कि एडवोकेट कमीशन की रिपोर्ट में हिंदू पक्ष का ये दावा सामने भी आया है. हालांकि, मस्जिद परिसर के लोग हिंदू पक्ष के दावे से इनकार करते हैं इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष में सालों से विवाद चला आ रहा है.

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