बेंगलुरु : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने सोमवार को अपने प्रमुख प्रशिक्षण विमान 'हिंदुस्तान जेट ट्रेनर' (एचजेटी-36) में किए गए कई तकनीकी सुधारों के बाद इसका नया नाम 'यशस' रखने की घोषणा की. इस अवसर पर रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने 'एयरो इंडिया 2025' में एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) डी.के. सुनील और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नए नाम का अनावरण किया.
एचएएल का यह विमान भारतीय वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. 'यशस' शब्द का अर्थ सफलता, गौरव और विजय से है, जो इस विमान की उत्कृष्टता और वायुसेना में उसकी भूमिका को प्रतीकित करता है. इस नए नाम के साथ, विमान को और अधिक पहचान मिली है, जो भारतीय विमानन उद्योग में एचएएल की तकनीकी प्रगति और प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
एचजेटी-36 में किए गए तकनीकी बदलावों ने विमान की कार्यक्षमता और सुरक्षा में महत्वपूर्ण वृद्धि की है. इस विमान को पायलटों के लिए उच्चतम मानकों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से उन्नत किया गया है, जिससे यह वायुसेना की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है. इसके इंजन, उड़ान नियंत्रण प्रणाली और अन्य कई महत्वपूर्ण भागों में सुधार किए गए हैं, जो इसे और भी प्रभावी और सुरक्षित बनाते हैं.
यह नामकरण एचएएल के 'एयरो इंडिया 2025' कार्यक्रम के दौरान किया गया, जो भारत में वायु सेना, रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति को प्रदर्शित करने वाला एक प्रमुख मंच है. इस आयोजन में रक्षा मंत्री, उच्च सरकारी अधिकारी और उद्योग के विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिन्होंने भारतीय रक्षा उद्योग की मजबूत और आत्मनिर्भर दिशा की सराहना की.
'यशस' का नामकरण एचएएल की लगातार तकनीकी प्रगति और भारतीय वायुसेना के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की आपूर्ति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है. इस सुधार से न केवल भारतीय विमानन उद्योग को बल मिलेगा, बल्कि यह भारत की रक्षा क्षमता को भी मजबूत करेगा.