Hartalika Teej: पंचांग के हिसाब से प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माहीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखने की परंपरा है. इस विशेष दिन मां गौरी एवं भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है. ये पावन व्रत बहुत कठिन होता है. इस दिन महिलाएं निर्जल उपवास रखती हैं. सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने के लिए इस व्रत को विधि विधान से करती हैं. इसके साथ ही कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती है. कहा जाता है कि,इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाता है. वहीं पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है. परन्तु इस वर्ष हरतालिका तीज व्रत को लेकर असंमजस बना हुआ है. चलिए आपको बताते हैं कि, इस साल शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि का सही समय क्या है.
मिली जानकारी के मुताबिक हिंदू पंचांग में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 सितंबर से शुरू होने वाली है. वहीं इस दिन का समापन 18 सितंबर सोमवार को दोपहर 12.39 बजे होगा. उदया तिथि 18 सितंबर को होने की बात बताई जा रही है. जिस वजह से हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.
हरतालिका तीज को करने के लिए 3 शुभ मुहूर्त माना जा रहा है. प्रथम मुहूर्त 6 बजकर 7 मिनट- 8 बजकर 34 मिनट तक रहने वाला है. जबकि दूसरा मुहूर्त 9 बजकर 11 मिनट- 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही तीसरे मुहूर्त की बात करें तो, 3 बजकर 19 मिनट- 7 बजकर 51 तक रहने वाला है. इन तीन मुहूर्त के हिसाब से आप किसी भी समय पूजा- अर्चना कर सकते हैं.
हरतालिका तीज पूजा करने के लिए पहले भगवान शिव, मां गौरी, भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति बनाएं या मार्केट से खरीद कर लाएं. इसके अतिरिक्त केले का पत्ता, पीला वस्त्र, सुपारी,जनेऊ, बेलपत्र, रोली,धतूरा, शमी के पत्ते, कलश, दूर्वा, अक्षत, घी, गंगाजल, दही शहद, कपूर, 16 श्रृंगार का सामान जैसे मेंहदी, सिंदूर, बिंदिया, कुमकुम का होना जरूरी है.
हरतालिका तीज व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन कर शुभ मुहूर्त के अनुसार हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा करने की शुरूआत करें. इस पावन दिन माता पार्वती व भगवान शिव के साथ उनके पुत्र गणेश की भी अराधना की जाती है.