Hindenburg Research: अरबपति गौतम अडानी के साम्राज्य को हिला देने वाली अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने दरवाजे बंद करने का फैसला किया है. फर्म के संस्थापक नैट एंडरसन ने बुधवार को इस फैसले की घोषणा की. उन्होंने कहा, 'यह फर्म चलाना जीवन भर का रोमांच था. हमने जिन विचारों पर काम किया था, उनकी पाइपलाइन पूरी हो गई है. अब आगे बढ़ने का समय है.'
2017 में स्थापित हिंडनबर्ग रिसर्च ने धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन को उजागर करने में ख्याति अर्जित की. एंडरसन ने बताया कि फर्म की शुरुआत कठिनाइयों भरी थी. 'शुरुआती दिनों में हमने तीन मुकदमों और वित्तीय संकट का सामना किया. बेदखली के कगार पर होते हुए भी मैंने अपने डर को किनारे रखकर फर्म को आगे बढ़ाया.'
एंडरसन ने अपनी 11-सदस्यीय टीम की सराहना की और उन्हें 'निर्दयी हत्यारे' कहा, जो काम में कुशल लेकिन व्यक्तिगत रूप से सहृदय थे. उन्होंने फर्म चलाने की तीव्रता का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे जांच और संपादन का दबाव उनके जीवन का हिस्सा बन गया. फर्म बंद करने का निर्णय एंडरसन का व्यक्तिगत निर्णय है. उन्होंने कहा, 'यह किसी समस्या के कारण नहीं है, बल्कि राहत और नए अध्याय की आवश्यकता का परिणाम है. अब मुझे खुद के साथ शांति महसूस हो रही है.' हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी 2023 को अदानी समूह पर एक तीखी रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में गौतम अडानी पर वित्तीय धोखाधड़ी और स्टॉक मूल्य हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसका असर अडानी समूह के बाजार मूल्य पर पड़ा, जिससे अरबों डॉलर का नुकसान हुआ.
इस रिपोर्ट ने भारत में कानूनी और नियामक कार्रवाई शुरू कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आरोपों की जांच के निर्देश दिए. मार्च 2024 तक, यह मामला चर्चा का केंद्र बना रहा. अडानी समूह ने आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें 'निराधार' बताया. एंडरसन ने हिंडनबर्ग द्वारा वर्षों में विकसित ज्ञान और प्रक्रियाओं को ओपन-सोर्स करने की योजना बनाई है. 'आने वाले छह महीनों में, मैं सामग्री और वीडियो की एक श्रृंखला तैयार करूंगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि हम अपनी जांच कैसे करते हैं.' एंडरसन ने अपनी पत्नी, परिवार, दोस्तों और पाठकों के प्रति आभार व्यक्त किया. 'आपके समर्थन और प्रोत्साहन ने हमें हमेशा आगे बढ़ने की ताकत दी. मैं इसके लिए हमेशा आपका आभारी रहूंगा.'