Human Rights Watch Report: ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए है. 'वर्ल्ड रिपोर्ट 2024' में सरकार पर मजहबी अनदेखी करने के दावे किए गए है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने 'वर्ल्ड रिपोर्ट 2024' में भारत सरकार पर कई तीखे आरोप लगाए हैं. गुरुवार को जारी वर्ल्ड रिपोर्ट 2024 में संगठन ने कहा है कि अधिकारों का सम्मान करने वाले लोकतंत्र के रूप में वैश्विक नेतृत्व की भारत सरकार की दावेदारी इससे कमजजोर हुई है. ह्यूमन राइट्स वॉच मानवाधिकार को लेकर दुनिया के करीब 100 देशों पर अपनी सालाना रिपोर्ट प्रकाशित करता है. इसमें मानवाधिकार और इससे जुड़ी तमाम पहलूओं पर अपनी रिपोर्ट पेश करता है.
दुनियाभर में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने भारत सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया है. लेकिन लोकतंत्र वाले देश में अधिकारों के सम्मान को लेकर भारत सरकार का रवैया कमजोर रहा है.
वर्ल्ड रिपोर्ट 2024 में इन मामलो को हाईलाइट किया गया
ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी जारी की गई रिपोर्ट में भारत में पिछले साल हुई कई घटनाओं को जगह दी. रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में पिछले साल मानवाधिकारों को दबाया गया है. यहां लोग उत्पीड़न के शिकार हुए है. वहीं रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा का भी जिक्र किया गया. रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, जम्मू कश्मीर का हालिया माहौल और जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के विरोध को जगह दी गई है. साथ ही बीबीसी के दफ्तर में पड़े छापे का भी मुद्दा शामिल रहा. वहीं, बीजेपी सरकार को 'हिंदूवादी सरकार' लिखा है.
कश्मीर का मुद्दा उठाया गया
रिपोर्ट में कश्मीर का भी मुद्दा उठाया गया. मानवाधिकार की रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में कथित तौर लोगों की आएं दिन मौत की खबरों की बात कही गई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यहा लोगों को बोलने की इजाजत नहीं है. लोग अपनी बात आजादी के साथ नहीं कह सकते है. वे कथित तौर पर विरोध नहीं कर सकते हैं. इसके साथ सेना पर कथित एक्ट्रा ज्यूडिशियल मौत को लेकर भी दावे किए गए हैं.
'मोदी सरकार मुसलमानों की रक्षा करने में विफल'
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्च में दावा किया गया कि भारत की मोदी सरकार मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई में हरियाणा के नूंह में हिंदू धर्म मानने वाले कुछ लोगों ने एक जुलूस निकाला, जिसके बाद इलाक़े में हिंसा तेज़ी से फैली. सरकार मुसलमानों को सुरक्षा नहीं दे पा रहीं है. अभी तक भारत सरकार द्वारा इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.