'1947 में हम उनके साथ नहीं तो अब क्यों?', फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा में पाकिस्तान को दी चेतावनी

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं हर बार पाकिस्तान के साथ बातचीत का पक्षधर था. हम उन लोगों को कैसे जवाब देंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया? क्या हम न्याय कर रहे हैं? बालाकोट नहीं, आज देश चाहता है कि ऐसी कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह के हमले कभी न हों.

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Courtesy: Social Media

Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पाकिस्तान को चेतावनी दीहै. साथ ही फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए अपने पिछले समर्थन का उल्लेख किया और मानवता के मूल्य को समझने के महत्व पर प्रकाश डाला. 

पाकिस्तान के कार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने मानवता की हत्या की है और उन्हें भारत से अपने सिद्धांतों पर समझौता करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा कि मैं हर बार पाकिस्तान के साथ बातचीत का पक्षधर था. हम उन लोगों को कैसे जवाब देंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया? क्या हम न्याय कर रहे हैं? बालाकोट नहीं, आज देश चाहता है कि ऐसी कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह के हमले कभी न हों.

राष्ट्र की एकता पर जोर

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए, JKNC प्रमुख ने भारत की एकता पर जोर दिया. दो-राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया और जोर देकर कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी एक हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को करारा जवाब देगा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करके हम पाकिस्तान के साथ चले जाएंगे, तो हमें उनकी गलतफहमी दूर कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब हम1947 में हमने भारत को चुना, तो आज क्यों जाएंगे?

सीएम अब्दुल्ला ने मांगी माफी

फारूक पहलगाम हमले पर बोलने के लिए आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा जाना चाहिए कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को क्या जवाब दिया जाना चाहिए. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पहलगाम हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हम मेजबान होने के नाते उनकी रक्षा करने में पूरी तरह असफल रहें. जिसके लिए उन्होंने पूरे देश से माफी भी मांगी.

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