नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास ने कैंसर पर शोध में मदद के लिए सोमवार को अपनी तरह का पहला कैंसर जीनोम डेटाबेस जारी किया. आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि के अनुसार, कैंसर के उच्च मामले होने के बावजूद, वैश्विक कैंसर जीनोम अध्ययनों में भारत का प्रतिनिधित्व कम रहा है.
आईआईटी मद्रास के निदेशक, वी. कामकोटि ने इस डेटाबेस की लॉन्चिंग के दौरान कहा कि, "कैंसर के मामलों में वृद्धि होने के बावजूद, भारत का प्रतिनिधित्व वैश्विक कैंसर जीनोम अध्ययनों में अपेक्षाकृत कम रहा है." उनका यह बयान भारतीय कैंसर रिसर्च के महत्व को रेखांकित करता है और इस कदम को कैंसर पर अनुसंधान में भारतीय योगदान को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है.
यह डेटाबेस भारतीय आबादी के लिए अनुकूलित है, जो कैंसर के जीनोम को लेकर विशेष जानकारी प्रदान करेगा. इससे शोधकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के कैंसर के जीनोम में होने वाले बदलावों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी, जिससे कैंसर के इलाज के लिए व्यक्तिगत और प्रभावी उपचार योजनाओं को विकसित किया जा सकेगा.
इस पहल को लेकर वी. कामकोटि ने कहा, "यह डेटाबेस कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगा. आईआईटी मद्रास का यह कदम भारतीय कैंसर अनुसंधान में एक नई दिशा प्रदान करेगा और भारतीय चिकित्सा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनेगा."
आईआईटी मद्रास का यह कैंसर जीनोम डेटाबेस भारतीय कैंसर अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान करेगा और इससे कैंसर के इलाज के तरीके में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है. यह पहल न केवल भारत में कैंसर से लड़ाई में मददगार होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसके प्रभाव को महसूस किया जाएगा.
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