नई दिल्ली: भारत ने शनिवार को परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित करने की योजना की घोषणा की और इस क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले दायित्व कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा. यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संभावित अमेरिका यात्रा से पहले उठाया गया है.
वाशिंगटन द्वारा तीन भारतीय परमाणु संस्थाओं से प्रतिबंध हटाए जाने के दो सप्ताह बाद नयी दिल्ली ने परमाणु दायित्व कानून में संशोधन करने के अपने निर्णय को सार्वजनिक करते हुए कहा कि इस कदम से असैन्य परमाणु क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग के लिए नए रास्ते खुलेंगे.
यह संशोधन भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सामरिक और ऊर्जा सहयोग का हिस्सा माना जा रहा है. इससे दोनों देशों के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ेगी और न केवल ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभ होगा.
भारत की इस पहल को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भी समर्थन मिल सकता है, जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं. यह बदलाव दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगा, जो भविष्य में ऊर्जा उत्पादन के नए रास्ते खोल सकता है.
भारत के लिए परमाणु दायित्व कानून में यह संशोधन एक अहम कदम है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की ऊर्जा नीति को और मजबूत करेगा. यह कदम भारत की परमाणु ऊर्जा योजनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी ध्यान में रखेगा.
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