सीएम आतिशी ने भाजपा के शीशमहल वाले आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “क्या पीएम का भव्य आवास सही है? मैं तो कहती हूं, मीडिया को पहले शीशमहल और फिर पीएम आवास दिखाइए, सब साफ हो जाएगा कि असल में कौन कैसे रह रहा है.”
शीशमहल पर कथनी-करनी के सवाल पर सीएम आतिशी ने कहा, “मैं तो कहती हूं कि मीडिया को शीशमहल दिखाइए और फिर पीएम आवास भी ले जाइए. मेरे पास तस्वीरें हैं, जहां करोड़ों के झूमर लगे हैं, जिनमें हीरे-जवाहरात जड़े हैं. 300 करोड़ की कालीन सोने के धागों से सिली हुई है, और पीएम की कुर्सी की कीमत डेढ़ सौ करोड़ बताई जाती है.”
भाजपा के शीशमहल वाले आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम आतिशी ने कहा, “क्या पीएम का भव्य राजमहल सही है? हम खुला चैलेंज देते हैं—एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को दिखाइए और दूसरी तरफ पीएम आवास को. मीडिया को ले जाइए, सबके सामने साफ हो जाएगा कि असल में कौन कैसे रह रहा है.”
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम आतिशी ने कहा, “होम मिनिस्ट्री ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर केस चलाने की अनुमति दी है, लेकिन भाजपा चाहे हमारे नेताओं पर हजारों मुकदमे चला ले, मैं दावे के साथ कहती हूं कि हमारे नेताओं ने न तो कभी भ्रष्टाचार किया है और न ही करेंगे. 180 से अधिक केस किए जा चुके हैं, लेकिन सबूत के नाम पर इनके पास कुछ नहीं. इन्होंने हमारी फाइलों की जांच के लिए कमेटी बनाई, फिर भी कुछ नहीं मिला. अगर सच में कुछ है, तो सबूत सामने लाएं.”
सीएम आतिशी ने कहा, “दिल्ली में पिछले डेढ़ साल से सरकार को गैर-लोकतांत्रिक तरीके से चलाने और पावर का दुरुपयोग करने से बड़ा उदाहरण नहीं मिलेगा. हमने सीबीआई और ईडी के कई केस देखे हैं, जहां छापों में कैश के ढेर, सोने-चांदी के बिस्कुट, शेल कंपनियों के कागज मिलते थे. लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ ऐसी कोई बात साबित नहीं हुई. उनके घर, गांव, बैंक और लॉकर तक की जांच कर ली गई, फिर भी एक चवन्नी तक नहीं मिली. इसके बावजूद हमारे नेताओं को जेल भेज दिया गया. ये कहते हैं कि पैसा गोवा चुनाव में खर्च हुआ, तो सबूत कहां हैं? उन्हें दिखाइए.”
आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा का तरीका साफ है—जो नेता दूसरी पार्टियों में रहते हुए घोटालेबाज कहे जाते हैं, वही भाजपा में आते ही उनकी ‘वॉशिंग मशीन’ में धुलकर ईमानदार बन जाते हैं. हिमंत बिस्वा सरमा पर कभी खुद भाजपा ने आरोप लगाए थे, असम में उनके खिलाफ बुकलेट तक बांटी गई. पश्चिम बंगाल में सुवेंदु अधिकारी के घोटालों को चुनावी मुद्दा बनाया गया. यहां तक कि पीएम मोदी ने एनसीपी के एक नेता पर तंज कसते हुए कहा था कि वे जेल में चक्की पीसेंगे. लेकिन जैसे ही ये नेता भाजपा में शामिल हुए, सब पवित्र हो गए और बड़े पदों पर बैठा दिए गए.”