India-France Defence Ties: भारत और फ्रांस के बीच सोमवार को दिल्ली में सातवां भारत-फ्रांस समुद्री सहयोग वार्ता आयोजित की गई. जिसमें दोनों देशों के बीच समुद्री खतरों का एक संयुक्त आकलन विकसित करने पर सहमति बनी. जिसके मुताबिक हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती, समुद्री आतंकवाद, तस्करी, अवैध मछली पकड़ने, साइबर सुरक्षा जोखिम और समुद्री प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा .
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि यह प्रतिबद्धता 14 जनवरी को दिल्ली में आयोजित सातवें भारत-फ्रांस समुद्री सहयोग वार्ता के दौरान की गई थी . वार्ता की सह-अध्यक्षता उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर और फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्रालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध और रणनीति महानिदेशक एलिस रूफो ने की है .
दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की और अंतर्राष्ट्रीय कानून को बनाए रखने, क्षेत्रीय संगठनों के माध्यम से बहुपक्षवाद का समर्थन करने और संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और नौवहन की स्वतंत्रता के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर जोर दिया .एमईए के बयान में कहा कि 2018 में स्थापित आईओआर में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण पर आधारित, वार्ता का उद्देश्य संचार के समुद्री मार्गों तक स्वतंत्र और सुरक्षित पहुंच के लिए सहयोग को मजबूत करना है. फ्रांस ने संयुक्त समुद्री बलों में भारतीय नौसेना की भागीदारी का स्वागत किया और उपयुक्त संयुक्त कार्य बलों के भीतर भारत की भविष्य की नेतृत्वकारी भूमिकाओं के बारे में आशा व्यक्त की है.
सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और फ्रांस गुरुग्राम में सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) और सेशेल्स और मेडागास्कर में क्षेत्रीय केंद्रों सहित सूचना विनिमय तंत्र को मजबूत करेंगे . वसमुद्री सुरक्षा के लिए खतरों का मुकाबला करने और क्षेत्र में द्विपक्षीय जुड़ाव को मजबूत करने के लिए समन्वित निगरानी का भी पता लगाएंगे . बयान के अनुसार पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए, भारत और फ्रांस ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री जैव विविधता और संसाधनों की रक्षा करने का संकल्प लिया .
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के ढांचे के तहत सहयोग जारी रखने और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के सदस्यों के रूप में जैव विविधता और नीली अर्थव्यवस्था पहल में क्षेत्रीय प्रयासों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. बयान में आगे कहा गया कि इस वार्ता ने समुद्री सुरक्षा और स्थिरता को आगे बढ़ाने, एक स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने में भारत और फ्रांस के बीच आपसी समर्थन की पुष्टि की .