INDIA: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाने की कोशिश अब आने वाले 17 दिसंबर को विपक्षी पार्टी करेगी. जिसमें पश्चिम बंगाल की साीएम ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार मौजूद होंगे. दरअसल यह बैठक आज यानि 6 दिसंबर को होनी थी, मगर नेताओं ने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया तो, अगली तारीख 17 दिसंबर को रखी गई है.
वहीं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इन दिनों राजनीति में फिर से अपना दम-खम दिखा रहे हैं. दरअसल उन्होंने ममता बनर्जी को लेकर अपनी बात रखी है. उनका कहना है कि, आने वाले 17 दिसंबर को विपक्ष की बैठक होगी, जिसमें स्पष्ट हो गया कि इंडी एलांयस की बैठक में सीएम नीतीश कुमार के साथ ममता बनर्जी भी मौजूद रहेंगी. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बताया कि, इंडी एलायंस की बैठक मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर होगी.
आपको बता दें कि, तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हारने के बाद कांग्रेस ने राजधानी दिल्ली में इंडी एलायंस की बैठक की घोषणा की थी. जिसमें तृणमूल प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इसमें आने से इनकार कर दिया था. वहीं समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इंडी एलायंस की बैठक से दूरी बना ली थी. दरअसल अखिलेश मध्य प्रदेश में कांग्रेसी प्रत्याशियों को कई जगह परेशान करने के बाद इंडी एलायंस की बैठक में नहीं जाना चाहते थे. जबकि सारे पार्टियों के प्रमुख नेताओं के मना कर देने के बाद बैठक को फिलहाल स्थगित किया गया है.
बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि, - "हर चुनाव, चाहे वह एक प्रदेश में हो या अनेक राज्यों में, कुछ स्पष्ट संदेश देता है. वहीं 5 राज्यों में से 4 राज्यों में ये दिख रहा है कि, इंडी एलायंस के सभी घटक दलों को अधिक समझदारी से काम करने की जरूरत है. उनका कहना है कि, इस चुनाव मे भी इंडी एलायंस एकजुट होकर चुनाव नही लड़ पाया, हमलोग शुरू से कहते हैं कि आपस की समझदारी बननी जरूरी है. सारे विपक्षी दल एकजुट हो जाते हैं तो बीजेपी परास्त हो जाती. जब तक हम एकजुट नहीं होंगे बीजेपी परास्त नहीं होगी.
आपको बता दें कि, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, इससे पहले देश में कांग्रेस का ही राज हुआ करता था. परन्तु इन चुनावों में कांग्रेस को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार की पहल से ही गठबंधन पार्टी का निर्माण किया गया था. वहीं बिहार की राजधानी पटना से ही इसकी शुरुआत की गई थी.