India-US Trade Deal: ट्रंप सरकार ने भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. हालांकि भारत सरकार की ओर से लगातार यह कहा जा रहा था कि वे अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क में है, अभी के लिए लेकिन भारत ने काउंटर टैरिफ लगाने से इनकार कर दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ भारतीय सरकारी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि भारत, अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं को प्राथमिकता दे रहा है और जवाबी कार्रवाई की कोई योजना नहीं बना रहा.
अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ट्रंप के उस प्रावधान का संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि वे साझेदार जो गैर-पारस्परिक व्यापार व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं उन्हें राहत दी जा सकती है.
टैरिफ मामले पर एक दूसरे सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत खुद को क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में देखता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने ताइवान और इंडोनेशिया की तर्ज पर ट्रंप की टैरिफ घोषणा के बाद कोई काउंटर टैरिफ नहीं लगाया. जबकि यूरोपीय संघ चीन की प्रतिक्रिया के बाद अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी में है. भारत और अमेरिका ने फरवरी में सहमति जताई थी कि वे 2025 की शरद ऋतु तक एक प्रारंभिक व्यापार समझौते पर पहुंच सकते हैं. इस दिशा में मोदी सरकार पहले ही कई रियायतें दे चुकी है. जिनमें हाई-एंड बाइक, बॉर्बन पर टैरिफ में कटौती और डिजिटल सेवा कर हटाना शामिल है.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति भारत की विकास दर को 20-40 आधार अंक तक प्रभावित कर सकती है. विशेष रूप से हीरा उद्योग को गहरा झटका लग सकता है. जिससे हजारों नौकरियां जोखिम में आ सकती हैं क्योंकि अमेरिका इस उद्योग का प्रमुख निर्यात बाजार है. डोनाल्ड ट्रंप के इस टैरिफ योजना का प्रभाव अमेरिकी औ अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी पड़ा है. हालांकि ट्रंप ने अमेरिका के लिए इसे झटका मानने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि टैरिफ को सही ठहराते हुए कहा कि कभी-कभी किसी बीमार के लिए दवा खानी पड़ती है.