Ganga expressway: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रयागराज में एक विशेष कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की. जिसमें उन्होंने बहुप्रतीक्षित गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार को मंजूरी दी है. जिसका उद्देश्य दो प्रमुख एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को जोड़ना है. इस परियोजना की मदद से यूपी के सभी जिले हाई स्पीड नेटवर्क से जुड़ जाएंगे.
शुरुआत में छह लेन की परियोजना के रूप में योजना बनाई गई. अब एक्सप्रेसवे को आठ लेन तक विस्तारित करने पर विचार किया जा रहा है. यह विस्तार प्रयागराज को मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर से जोड़ेगा. विशेष रूप से, गाजीपुर एक महत्वपूर्ण जंक्शन के रूप में कार्य करता है. जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बिहार तक एक सीधा मार्ग बनाता है. इस परियोजना का उद्देश्य विंध्य-काशी क्षेत्र में सड़क संपर्क को और बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से चित्रकूट को प्रयागराज से जोड़ना भी है.
गंगा एक्सप्रेसवे का पहला चरण 594 किलोमीटर लंबा है. जो मेरठ को प्रयागराज से जोड़ता है. 518 गांवों से गुजरते हुए यह एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ जैसे जिलों को जोड़ेगा. इसके पूरा होने के बाद मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा में केवल छह घंटे लगेंगे.
अपने दूसरे चरण में एक्सप्रेसवे पांच अतिरिक्त जिलों मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया को जोड़ने के लिए 350 किलोमीटर का विस्तार करेगा. अधिकारियों के अनुसार यह विस्तार गंगा एक्सप्रेसवे को भारत के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे में बदल देगा जो पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पहले से कहीं बेहतर तरीके से जोड़ेगा. पहले चरण का निर्माण पहले ही अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. जिसमें इंटरचेंज और ओवरब्रिज का निर्माण पूरा होने वाला है.
नोएडा एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए जल्द ही एक नया एक्सप्रेसवे भी बनाया जा रहा है. जिसके संरेखण पर अधिकारियों के अनुसार चर्चा की जा रही है. उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) और यमुना प्राधिकरण (वाईईआईडीए) ने कहा कि एक्सप्रेसवे के संरेखण के बारे में उनके बीच दो दौर की चर्चा हो चुकी है. उन्होंने कहा कि नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से नोएडा एयरपोर्ट के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और यह यमुना एक्सप्रेसवे के अलावा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा.