भारत की मिसाइल प्रणाली का दुनिया भर में बढ़ता आकर्षण : राजनाथ सिंह

बेंगलुरु : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत आज एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. उनके अनुसार, देश की मिसाइल प्रणालियां, लड़ाकू विमान और नौसैनिक जहाज केवल हमारी सीमाओं की सुरक्षा नहीं कर रहे, बल्कि ये अब पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं.  

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Courtesy: social media

बेंगलुरु : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत आज एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. उनके अनुसार, देश की मिसाइल प्रणालियां, लड़ाकू विमान और नौसैनिक जहाज केवल हमारी सीमाओं की सुरक्षा नहीं कर रहे, बल्कि ये अब पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं.  

'एयरो इंडिया 2025' का ऐतिहासिक महत्व  

राजनाथ सिंह ने यहां ‘एयरो इंडिया 2025’ के स्वदेशीकरण कार्यक्रम और समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “एयरो इंडिया ने जो ऊंचाइयां हासिल की हैं, वह न केवल अद्वितीय हैं, बल्कि ऐतिहासिक भी हैं.” वह पिछले तीन दिनों से इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से शामिल थे और अपने अनुभव को तीन शब्दों में व्यक्त किया: “ऊर्जा, ऊर्जा, और ऊर्जा।” उन्होंने बताया, “येलहंका में जो कुछ भी हमने देखा, वह ऊर्जा का एक अद्वितीय प्रकट रूप था, और यह उत्साह केवल भारत के प्रतिभागियों में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से आए प्रतिभागियों में भी स्पष्ट था. हमारे उद्यमियों, ‘स्टार्टअप्स’ और नवप्रवर्तकों में जो उत्साह देखा गया, वह सराहनीय है.”  

रक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव  

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत आज एक ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने इस बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा, “हम सभी जानते हैं कि भारत ऐतिहासिक रूप से अपनी रक्षा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहा है. एक दशक पहले तक हमारे देश में 65 से 70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे.”  

लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। राजनाथ सिंह ने कहा, “आज, देश में लगभग उतने ही प्रतिशत रक्षा उपकरणों का निर्माण हो रहा है जितने का पहले आयात किया जाता था. यह न केवल एक समाधान है, बल्कि एक चमत्कार जैसा परिवर्तन है.”  

भारत का रक्षा निर्यात और वैश्विक साझेदारियां  

राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि आज भारत कई तरह के रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर हो चुका है. उन्होंने कहा, “हमारे लड़ाकू विमान, मिसाइल प्रणालियां, नौसैन्य पोत और अन्य रक्षा उपकरण न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बन गए हैं.” 

आज, भारत छोटे तोपखानों से लेकर ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल प्रणालियों जैसे बड़े प्लेटफार्मों का निर्यात कर रहा है. इससे न केवल हमारा रक्षा निर्यात बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के साथ हमारी साझेदारियां भी मजबूत हो रही हैं.  
 

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