Indian Air Force: आत्मनिर्भरता की ओर भारतीय वायु सेना, 'समर' वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हुआ सफल परीक्षण

Indian Air Force: वायु सेना ने अपने पुराने मूल के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का इस्तेमाल कर समर वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को बनाया है. इसकी जानकारी आईएएफ अधिकारियों ने दी.

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हाइलाइट्स

  • आत्मनिर्भरता की ओर भारतीय वायु सेना,
  • 'समर' वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हुआ सफल परीक्षण

Indian Air Force: भारतीय वायुसेना निरंतर प्रयासों के जरिए  अपने आप को समरीक दृष्टि से मजबूत करने के दिशा में अग्रसर है. इस बीच उसने एक बार फिर आत्मनिर्भरता की और अपने कदम बढ़ा दिए हैं. बता दें कि आईएएफ ने अपने इन- हाउस डिजाइन और विकास प्रयासों में एक बड़ी सफलता को हासिल करते हुए 'समर' वायु रक्षा प्रणाली को सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है. वायु सेना ने अपने पुराने मूल के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का इस्तेमाल कर समर वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को बनाया है. इसकी जानकारी आईएएफ अधिकारियों ने दी. 

आईएएफ के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को जानकारी देते हुए बताया कि  भारतीय वायु सेना ने हाल ही में  वायु सेना के स्टेशन सूर्यलंका में आयोजित अभ्यास अस्त्रशक्ति-2023 के दौरान इस  'समर' वायु रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. बता दें, कि इस मिसाइल को वायु सेना के रखरखाव कमान के तहत एक इकाई द्वारा बनाया गया है. 

पहली बार अभ्यास में लिया भाग

इस समर' वायु रक्षा प्रणाली ने जमीन से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों का परीक्षण करने और उनके परिचालन  क्षेत्र परीक्षणों को अंजाम देने के लिए पहली बार इस अभ्यास में शामिल हुआ है. इस मिसाइल प्रणाली ने अलग-अलग परिदृश्यों में फायरिंग परीक्षण उद्देश्यों का बेहतरीन परीक्षण किया है. 

क्या है समर मिसाइल में खास?

इस समर वायु रक्षा प्रणाली की बात करें तो यह 2 से 2.5 मैक की तीव्र गति सीमा पर चलने वाली मिसाइलों के साथ हवाई खतरों का सामना करने में सक्षम हैं. आईएएफ के आधिकारियों के अनुसार इस प्रणाली में एक ट्विन-बुर्ज लॉन्च प्लेटफॉर्म मौजूद है, जो खतरे के परिदृश्य के आधार पर सिंगल और सैल्वो मोड में दो मिसाइलों को लॉन्च कर सकता है. 

आत्मनिर्भरता की और वायु सेना का के और कदम 

भारतीय वायु सेना ने इस समर वायु रक्षा प्रणाली के सफलतापूर्व परीक्षण के बाद  आत्मनिर्भरता की और एक और कदम बढ़ा दिए हैं. आईएएफ प्रधानमंत्री मोदी सरकार के निर्देशों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है. 

वायु सेना चीफ पहले ही देख चुके है मिसाइल का प्रदर्शन 

इस मिसाइल प्रणाली का बेहतरीन प्रदर्शन भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने पहले ही देखा चुके हैं. आईएएफ के रखरखाव कमान के प्रमुख एयर मार्शल विभास पांडे ने भी सूर्यलंका एयरपोर्ट का दौरा किया और उन अधिकारियों और कर्मियों मिले जिन्होंन इस प्रणाली को बनाया है.