महाकुंभ में समाज कल्याण विभाग की पहल, 95 वृद्धजनों को संगम में कराया पावन स्नान

महाकुंभ नगर:  उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग ने प्रयागराज के महाकुंभ में मंगलवार को 95 निराश्रित वृद्धजनों को संगम में पावन स्नान कराकर एक अनूठी पहल की. यह कदम इन वृद्धजनों के जीवन में एक खास पल साबित हुआ.

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Courtesy: social media

महाकुंभ नगर:  उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग ने प्रयागराज के महाकुंभ में मंगलवार को 95 निराश्रित वृद्धजनों को संगम में पावन स्नान कराकर एक अनूठी पहल की. यह कदम इन वृद्धजनों के जीवन में एक खास पल साबित हुआ.

समाज कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण पहल

आधिकारिक बयान के अनुसार, यह वृद्धजन देवरिया, बहराइच, अमरोहा और बिजनौर जनपदों के वृद्धाश्रमों में रहते हैं. समाज कल्याण विभाग ने इन वृद्धजनों को उनके संबंधित जनपदों से बसों के जरिए कुंभ क्षेत्र में स्थित अस्थायी आश्रम तक पहुँचाया, जहां उन्हें संगम में स्नान करने का अवसर मिला. इस पहल का उद्देश्य इन वरिष्ठ नागरिकों को एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करना था. 

वृद्धजनों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर

समाज कल्याण विभाग की इस पहल ने इन वृद्धजनों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर प्रदान किया, क्योंकि महाकुंभ में संगम के पवित्र जल में स्नान करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य और आध्यात्मिक अनुभव माना जाता है. इस आयोजन ने इन वृद्धजनों को न केवल धार्मिक शांति का अनुभव कराया, बल्कि उन्हें समाज के अन्य वर्गों से जोड़ने का भी कार्य किया.

सरकार की ओर से निरंतर सहायता और समाज कल्याण

समाज कल्याण विभाग ने इस पहल के जरिए यह भी साबित किया कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है. यह कदम वृद्धजनों के जीवन को सम्मान देने और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. विभाग की यह पहल वृद्धजनों के लिए सम्मान और संवेदनशीलता को बढ़ावा देती है.

समाज कल्याण विभाग की निरंतर सेवा

समाज कल्याण विभाग द्वारा यह पहल वरिष्ठ नागरिकों के लिए उनकी सामाजिक और मानसिक भलाई को ध्यान में रखते हुए की गई. यह कदम यह दिखाता है कि सरकार वृद्धजनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेती है और उन्हें समाज में सम्मान देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. 

आध्यात्मिक शांति का अनुभव

इस पहल के तहत वृद्धजनों को संगम में स्नान कराकर न केवल उन्हें एक धार्मिक अनुभव दिया गया, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ावा मिला. महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में भाग लेकर ये वृद्धजन अपने जीवन को और भी समृद्ध महसूस कर रहे हैं.

 

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