International Yoga Day 2023: प्राचीन भारतीय परंपरा से सर्वश्रेठ विरासत के रूप में मिला योग हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। भारत में योग की उत्पत्ति हजारों वर्ष पुरानी है। नियमित रूप से योग करने वाले व्यक्ति को चमत्कारिक लाभ होते हैं। योग की ताकत को सिर्फ भारतीयों ने ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने देखा और जाना है। इसी के फलस्वरूप आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाता है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग हम सबके लिए बहुत आवश्यक है। जिंदगी में खुशहाली, मानसिक और शारीरिक शांति के लिए हमे योग करना चाहिए। योग सिर्फ फिजिकली फिट ही नहीं रखता बल्कि मानसिक रूप से भी हमें एनर्जेटिक और शांत रखता है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज पूरी दुनिया 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाती है। योग न सिर्फ हजारों वर्ष पुरानी परंपरा है अपितु भारतीय संस्कृति का परिचायक भी है। आज पूरा विश्व 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है।
पूरी दुनिया में पहली बार विश्व योग दिवस 2015 में मनाया गया था। 21 जून को ही योग दिवस के रूप में मनाए जाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। दरअसल 21 जून को उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय पंचांग के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में होता है। माना जाता है आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए ये फायदेमंद होता है। अतः इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज से 9 साल पहले प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर योग दिवस को विश्व भर में मनाने का प्रस्ताव रखा था जिसे स्वीकार कर लिया गया।
इस साल विश्व अपना नौ वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना रहा है इस साल के लिए वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत पर ‘वन ग्लोब वन हेल्थ” थीम रखी गई है। इस थीम को आयुष मंत्रालय ने चुना है।