कोलकाता की मृतक ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कोलकाता के हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. उन्होंने हाई कोर्ट से मांग की था कि मामले की जांच CBI द्वारा कोर्ट की निगरानी में की जाए. चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगनम की अध्यक्षता वाली बैंच ने मामले की सुनवाई के बाद जांच CBI को सौंप दी. ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता के अलावा और कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं जिसमें मामले की जांच को CBI से कराने की मांग की गई थी.
कोलकाता हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जांच की कई कमियों को उजागर किया. कोर्ट ने कहा कि इतने दिन में कोई भी जांच अच्छे से नहीं की गई है और ना ही मामले की जांच को लेकर कोई तेजी है. पीड़िता के माता-पिता को डर है कि अगर मामले की जांच ऐसे ही चलती रही तो यह पटरी से उतर जाएगी.
कोर्ट ने मामले की जांच को CBI को सौंपते हुए कहा 'सामान्य परिस्थितियों में हम केवल रिपोर्ट मांगते हैं, लेकिन यह मामला बिल्कुल अलग है. हम सबूत को जुटाने के लिए बिना समय गंवाए उचित आदेश करते हैं. हम पीड़िता के माता-पिता के इस बात से पूरी तरह से सहमत है कि जांच में तेजी के बिना सबूत नष्ट कर दिए जाएंगे.'
ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. इस मामले में अगले दिन संजय रॉय नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चला कि उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था. उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोट के निशान पाए गए हैं.
कोलकाता हाई कोर्ट ने आर.जी.कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल को व्यवस्था और कार्यों को लेकर उनके ढ़ीलेपन पर फटकार लगाई. ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में सोशल मीडिया और समाज में आलोचना झेल रहे संदीप घोष ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाद में उन्हें जल्द ही किसी दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया.