इंडिया गठबंधन में सब ठीक? यूपी उपचुनाव में सभी सीटों पर अकेले लड़ेगी सपा

सपा प्रमुख ने बताया कि यूपी उपचुनाव में सभी सीटों पर अकेले सपा के उम्मीदवार उतरेंगे. उन्होंने कहा कि यह फैसला इंडिया गठबंधन की ओर से लिया गया है. इसी के साथ उन्होंने गठबंधन टूटने की बात पर पूरी तरह से फुल स्टॉप लगा दिया है. हालांकि सवाल अब भी उठ रहा है कि क्या गठबंधन में सब ठीक है?

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Courtesy: Social Media

UP By-Election 2024: उत्तर प्रदेश विधानसभा में 9 सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसे लेकर तैयारी तेज हो गई है. इसी बीच समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के टूटने का अनुमान लगाया जा रहा था. हालांकि इस बात को लेकर सपा प्रमुख ने सबकुछ साफ कर दिया है. उन्होंने बताया कि यूपी के सभी 9 सीटों पर इंडिया गठबंधन की ओर से सपा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी के चिन्ह के साथ कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ेगा. 

सपा प्रमुख ने बताया कि यह फैसला इंडिया गठबंधन की ओर से लिया गया है. इसी के साथ उन्होंने गठबंधन टूटने की बात पर पूरी तरह से फुल स्टॉप लगा दिया है. 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और सपा की जोड़ी यूपी में हिट रही. इस चुनाव में 9 विधायकों को सांसद के रूप में चुना गया. जिसके बाद से ये सीटें खाली पड़ी थी. अब इन सीटों पर उपचुनाव होना है. हालांकि मिल्कीपुर सीट पर अभी भी उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई है. 

बात सीट की नहीं जीत की

यूपी उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से पांच सीटों का डिमांड किया जा रहा था. वहीं समाजवादी पार्टी केवल दो सीटें देने को तैयार थी. जिसके बाद गठबंधन ने सभी सीटों पर सपा को मौका देने का निर्णय लिया. कांग्रेस पार्टी सभी 5 एनडीए गठबंधन के कब्जे वाली सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी. लेकिन सपा ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को नहीं माना. जिसके बाद संयुक्त रुप से गठबंधन इस फैसले पर उतरी है.

सपा की ओर से 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है. इसके अलावा खैर, गाजियाबाद और कुंदरकी सीट पर अभी भी उम्मीदवारों का नाम फाइनल होना बाकी है. इनही तीन सीटों पर सपा कांग्रेस पार्टी को उतारना चाहती थी. हालांकि कांग्रेस ने सभी सीटों पर सपा को मौका दिया है. सपा प्रमुख ने अपने सोशल मीडिया पर इस फैसले को तर्क देते हुए लिखा कि बात सीट की नहीं जीत की है.

कांग्रस का समझौता 

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस पार्टी को मिली है. हालांकि उसके बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा. जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रस पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ में चुनाव लड़ने की घोषणा की. हालांकि नतीजों में कांग्रेस पार्टी को महज चार सीटों पर जीत मिली. लेकिन उनके गठबंधन में चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला ने सरकार बना लिया.

इस मौके पर कांग्रेस पार्टी थोड़े साइ़ड में नजर आई. उमर अब्दुल्ला के शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस के किसी विधायकों ने शपथ नहीं लिया. इन सभी बातों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है हालांकि कांग्रेस पार्टी एनडीए गठबंधन को किसी भी हाल में हटाने के लिए अन्य पार्टियों के साथ समझौता कर रही है. 

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