चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिकी सैन्य विमान में भारत वापस भेजे गए निर्वासितों को हथकड़ी लगाना ‘‘देश के लिए बहुत शर्म की बात है.’’ मान ने हरियाणा सरकार की भी आलोचना की, क्योंकि वह राज्य के निर्वासितों को अमृतसर हवाई अड्डे से ‘‘पुलिस कैदी वैन’’ में उनके संबंधित गृहनगर ले जा रही थी.
बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान में 104 अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का पहला जत्था अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत हुई. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए अपमानजनक करार दिया.
भगवंत मान ने ‘एक्स’ पर लिखते हुए कहा, ‘‘अमेरिका ने जो किया, उसके लिए हमें बेहद अफसोस है. हमारे देश के नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और जंजीरों से जकड़कर वापस भेजना देश के लिए बहुत शर्म की बात है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुके अमेरिका से निकाले गए भारतीयों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय मोदी जी (की पार्टी) के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार उन्हें पुलिस कैदी वैन में ले गई, जो उनके जख्मों पर नमक छिड़कने के बराबर है.’’
यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से कुछ दिन पहले हुई है, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता करेंगे. मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली इस बैठक में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की संभावना है.
भगवंत मान ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार ने भारतीय नागरिकों की इस अवहेलना को नजरअंदाज करते हुए उनका अपमान किया. इसके अलावा, उन्होंने भारतीयों की मदद करने के बजाय उन्हें और अधिक मानसिक और शारीरिक तकलीफ देने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह बयान इस मुद्दे पर सरकार की नीतियों और उन नागरिकों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार की गंभीर आलोचना करता है. निर्वासित भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया पर उठाए गए सवाल अब राजनीतिक बहस का एक बड़ा हिस्सा बन चुके हैं.
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