Priyanka Gandhi First speech in Parliament: देश के संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान दो दिवसीय डिबेट का आयोजन किया गया है. इस दौरान आज विपक्ष की ओर से वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोला है. वायनाड सांसद ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है. ऐसा डर अंग्रेजों के समय हुआ करता था.
इतना ही नहीं प्रियंका गांधी ने अडानी के मुद्दे पर भी सरकार को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति और एक संस्थान के लिए सभी नियमों को बदला जा रहा है. सारा कांट्रेक्ट, एयरपोर्ट और बंदरगाह सब एक इंसान को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश की जनता रो रही है. देश के किसान रो रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने सबसे पहले 2001 में हुए संसद पर हमले का जिक्र किया. उन्होंने इस घटना में शहीद हुए जवान हुए को श्रद्धाजंलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पहले लोगों को लगता था कि कुछ नहीं तो संविधान है लेकिन अब गैरबराबरी बढ़ती जा रही है. अमीर लोग और भी ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं, वहीं गरीब लोग और भी ज्यादा गरीब हो रहे हैं. प्रियंका ने अपने ही पुरानें सासंदों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि हमारे पुराने मित्र भी उस तरफ जाते ही शांत हो गए हैं. लगता है उन्हें भी वॉशिंग मशीन में धुल दिया गया है. प्रियंका गांधी ने संभल विवाद, हाथरस कांड और मणिपुर मामले पर भी लोगों का ध्यान दिलवाया है.
प्रियंका गांधी ने संभल विवाद, हाथरस कांड और मणिपुर मामले पर भी लोगों का ध्यान दिलवाया है. इसके अलावा उन्होंने केरला में आए बाढ़ पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि राजा भेष तो बदलते हैं, लेकिन उनके पास जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं है, ना ही उनमें आलोचना सुनने की ताकत है. उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में डर का माहौल है लेकिन डर फैलाने वाले आज खुद भय में जी रहे हैं. प्रियंका ने संघ पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत का संविधान है संघ का विधान नहीं जिसे आप जब चाहे बदल दें.