MP Elction: मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है. इसी दौरान ग्वालियर में मतदान करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बातचीत की. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदार होने की अटकलों पर विराम लगा दिया. उन्होंने कहा, " मैंने पहले ही कहा है कि मैं मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हूं. इस रेस में मैं न कभी था, न आज हूं. मुझसे पहले भी साल 2013 और साल 2018 में पूछा गया था और आज भी. मैंने तब भी कहा था कि मैं रेस में नहीं हूं.” उन्होंने आगे कहा, ये रेस कुर्सी की नहीं है, ये रेस विकास की है, प्रगति की है. इसी दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की रेस कांग्रेस में होती है.
मध्य प्रदेश में बदल सकता है सीएम का चेहरा
दरअसल मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और पिछले दो चुनावों में भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को ही अपना मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया था, लेकिन इस बार भाजपा की ओर से शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट न करते हुए मुख्यमंत्री पद का चेहरा साफ नहीं किया गया है. इसी के बाद से मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. खास बात ये है कि भाजपा ने इस बार केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है. जिसकी वजह से इन अटकलों को और हवा मिली है.
भाजपा से मुख्यमंत्री की रेस में कौन-कौन है शामिल
जानकारी के अनुसार ये माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में इस बार बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने वाला है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान के विकल्प के तौर पर जिन नेताओं के नाम है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी शामिल है. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब खुद को इन अटकलों से दूर कर लिया है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मध्यप्रदेश में किसे अपना मुख्यमंत्री बनाती है.