Ranya Rao: कर्नाटक के सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने बुधवार को अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोना तस्करी मामले में राज्य पुलिस द्वारा कथित तौर पर विशेषाधिकारों के दुरुपयोग की सीआईडी जांच की अनुमति देने वाले आदेश को वापस ले लिया. राज्य सरकार द्वारा निर्देश जारी करने के एक दिन बाद यह आदेश आया है.
कनार्टक सरकार ने मंगलवार को आधिकारिक विशेषाधिकारों और प्रोटोकॉल लाभों के दुरुपयोग में पुलिस की कथित संलिप्तता की सीआईडी जांच का आदेश दिया था. सरकार द्वारा यह आदेश राव को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 12.86 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने के साथ पकड़े जाने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद आया था.
रान्या राव के मामले में अब सिद्धारमैया ने आदेश दिया है कि कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता के नेतृत्व में मामले की जांच चलेगी. इसके अलावा रान्या राव के सौतेले पिता और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रामचंद्र राव की भूमिका की भी जांच जारी रहेगी. के रामचंद्र राव वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और अवसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं. दुबई से बेंगलुरु पहुंचने पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने रान्या राव को गिरफ्तार किया था.
रान्या राव के शरीर पर 3 मार्च को एक गुप्त कमर बेल्ट में सोने की छड़ें बंधी हुई पाई गईं थी. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर के पूरा केस चलाया गया. इसी बीच बेंगलुरु की एक अदालत ने मामले में रान्या राव की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत द्वारा 14 मार्च को अपना फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है. डीआरआई का कहना है कि अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो अभिनेत्री देश से भाग सकती हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं. इसके साथ डीआरआई ने आरोप लगाया कि रान्या राव ने सुरक्षा जांच को दरकिनार करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बनाए गए वीआईपी हवाई अड्डे के प्रोटोकॉल का फायदा उठाया. कर्नाटक सरकार ने एंगल से जांच शुरू कर दी है कि क्या रान्या राव के सौतेले पिता के रामचंद्र राव की सोने की तस्करी की घटना में कोई भूमिका थी.