Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कल रात यानि गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान मामले में ईडी ने आज शुक्रवार को दिल्ली सीएम को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया है. जिसकी सुनवाई जारी है. इस दौरान केजरीवाल की तरफ से सुनवाई के लिए वकीलअभिषेक संघवी कोर्ट में पेश हुए हैं. वहीं ईडी की तरफ से एएसजी एस वी राजू पेश हुए हैं. ऐसे में सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से केजरीवाल से पूछताछ के लिए एएसजी एस वी राजू 10 दिनों की रिमांड की मांग की है. आइए जानते हैं अब तक ईडी ने क्या क्या कहा?
बता दें, कि ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एएसजी एस वी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को हमने 21 मार्च की रात 9.05 बजे गिरफ्तार किया है. और हम इनकी 10 दिन की रिमांड चाहते हैं.
ईडी की तरफ से एएसजी ने कहा कि नई आबकारी नीति मामले में केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता में शामिल रहे हैं और इसके द्वारा रिश्वत ली गई. रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा चुनाव में भी किया गया. केजरीवाल ने आबकारी नीति बनाई में अपनी अहम भूमिका निभाई थी.
एएसजी ने मामले में आगे कहा कि केजरीवाल के करीबी विजय नगर भी शामिल रहे है. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया केजरीवाल से मिले थे. और उन्हें नीति से जुड़ी फाइल दी थी. विजय नायर का संबंध यह है, वह केजरीवाल के पास घर मे रहते थे और उनका केजरीवाल के घर निरंतर जाना था. वह आप के मीडिया प्रभारी भी थे.
एएसजी ने मामले में आगे कहा कि मगुंटा रेड्डी ने बयान में कहा है कि वह आबकारी नीति के संबंध में केजरीवाल से मिला था।. दो मौके पर रिश्वत का पैसा दिया गया. आबकारी नीति में लाभ लेने के बदले रिश्वत मांगी गई और ऐसा न करने पर नियम बदलने की बात कही गई थी.
एएसजी ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि आबकारी नीति के बदले रिश्वत लेना ही अपराध नहीं है, रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को लाभ पहुचना भी अपराध है. जांच के दौरान सामने आया है कि हवाला के जरिये 45 करोड़ रुपये गोवा भेजे गए थे. 100 करोड़ की रिश्वत देकर दक्षिण लॉबी को करीब 592 से 600 करोड़ का फायदा हुआ, यह भी अपराध का हिस्सा है.
मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा आप इस तरह से मेरे मुवक्किल (केजरीवाल) को गिरफ्तार या उसकी तलाशी नहीं कर सकते.
उन्होंने आगेकहा कि एजेंसी के पास गिरफ्तारी की पावर है, लेकिन गिरफ्तारी की जरूरत भी को भी दिखाना चाहिए. एक सामान्य मामले के तौर पर देखें तो अगर आप किसी को गिरफ्तार करना चाहते तो आपको दिखाना होगा कि आप क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं। मार्च 2024 में ही गिरफ्तारी क्यों?
संघवी ने आगे कहा कि गिरफ़्तारी की अभी कोई ज़रूरत नहीं है. ED केवल 3 से 4 नामों को दोहरा रही है. चुनाव से पहले गिरफ़्तारी क्यों की गई, निष्पक्ष चुनाव संविधान का अधिकार है.
संघवी ने कहा पहली बार किसी सीटींग सीएम को गिरफ्तार किया गया है. पहली बार ऐसा हुआ है कि उनकी पार्टी के 4 नेताओं को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने ने कहा कि लोकसभा के चुनाव नजदीक है और आम आदमी पार्टी के नेता जेल में बंद हैं. ईडी ने नया तरीक़ा अपनाया है, पहले गिरफ्तार करो फिर मनमाफिक बयान दो.