नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा कई बार अनुरोध करने के बावजूद, निर्वाचन आयोग ने फॉर्म 17सी डेटा अपलोड करने से मना कर दिया है.
फॉर्म 17सी में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के तहत सभी मतदान केंद्रों पर डाले गए वोटों का विवरण होता है. यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो चुनाव परिणामों को सत्यापित करने में सहायक होता है.
केजरीवाल ने कहा कि जब निर्वाचन आयोग ने यह डेटा अपलोड करने से मना कर दिया, तब उनकी पार्टी ने एक वेबसाइट बनाई है, जहां हर विधानसभा सीट के लिए फॉर्म 17सी डेटा अपलोड किया गया है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, "इस फॉर्म में प्रत्येक बूथ पर डाले गए वोटों का पूरा विवरण होता है. हम दिन भर में प्रत्येक विधानसभा और बूथ के लिए डेटा को एक सारणीबद्ध प्रारूप में प्रस्तुत करेंगे, ताकि हर मतदाता इस जानकारी तक आसानी से पहुंच सके."
EC has refused to upload form 17C and number of votes polled per booth in each assembly despite several requests. Aam Aadmi Party has made a website - https://t.co/vm6K3f3JcG where we have uploaded all the form 17C of every assembly. This form has all the details of votes polled…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 7, 2025
केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि इस प्रकार की पारदर्शिता चुनाव प्रक्रिया में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यह निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी कि वह इसे सुनिश्चित करे. उन्होंने आगे कहा, "पारदर्शिता के हित में निर्वाचन आयोग को यह कदम उठाना चाहिए था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह ऐसा करने से इनकार कर रहा है."
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में विफलता दिखाई है, जबकि पार्टी ने अपनी ओर से वेबसाइट के माध्यम से वोटिंग डेटा को सार्वजनिक किया है. अब यह देखना होगा कि निर्वाचन आयोग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है.
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