Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर दिल्ली स्थित मोतीलाल नेहरू मार्ग पर उनके आवास में रखा गया है. गुरुवार रात एम्स में उनके निधन के बाद पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया. आज उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. जहां आम जनता और गणमान्य व्यक्ति उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किए जाने की संभावना है. इसका औपचारिक ऐलान आज कांग्रेस पार्टी द्वारा किया जाएगा. केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा आधा झुका रहेगा.
भारत में पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार के लिए विशेष प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. अंतिम संस्कार से पहले पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे में लपेटा जाता है. भारत में पूर्व प्रधानमंत्रियों को 21 तोपों की सलामी दी जाती है. यह सलामी पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान और उनके पद की गरिमा को दर्शाती है. साथ ही अंतिम यात्रा के दौरान सुरक्षा और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाता है. इसमें सैन्य बैंड और सशस्त्र बल के जवान भी पारंपरिक मार्च करते हैं. उनके आखिरी यात्रा पर राष्ट्र के शीर्ष नेता, राजनेता और बड़ी संख्या में आम लोग इस मौके पर श्रद्धांजलि देते हैं.
भारत में पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार दिल्ली के विशेष स्मारक स्थलों पर किया जाता है. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार यहीं किए गए थे. अंतिम संस्कार की विधि उनके परिवार की धार्मिक मान्यताओं के आधार पर निर्धारित होती है. डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया उनके परिवार की इच्छा के अनुसार गृह राज्य में भी हो सकती है. इस दौरान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं. डॉ. मनमोहन सिंह का दो बार प्रधानमंत्री रहते हुए देश के विकास में दिया गया योगदान राष्ट्र के लिए हमेशा स्मरणीय रहेगा. उनके निधन के साथ ही देश ने एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और महान नेता को खो दिया है.