Rajasthan CM Face: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रिवाज़ कायम रखते हुए शानदार जीत दर्ज की है. इसके बाद से ही राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चा तेज़ है. बता दें कि राजस्थान में बीजेपी ने किसी भी चेहरे को अब-तक मुख्यमंत्री पद के लिए आगे नहीं किया था. सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़कर भी बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ गयी. अब इसके बाद राज्य के सीएम को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. इन सभी नामों में सबसे आगे हैं बाबा बालकनाथ. तमाम कयासों से बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के चर्चित नेता बाबा बालकनाथ को दिल्ली बुलाया है.
दिल्ली बुलाया गया बाबा बालकनाथ को
मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे बाबा बालकनाथ को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया है. यहाँ उनकी भाजपा आलाकमान से मुलाकात संभव है. जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी द्वारा बाबा बालकनाथ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. गौरतलब है कि महंत बालकनाथ 'नाथ सम्प्रदाय' के आठवें मुख्य महन्त हैं और राजस्थान की अलवर सीट से लोकसभा सांसद भी हैं. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें तिजारा सीट से टिकट दिया था, जहां उन्होंने शानदार जीत दर्ज की है. उन्होंने यहाँ अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार इमरान खान को 6173 वोटों से हराया है.
कौन हैं योगी के चेले बाबा बालकनाथ
राजस्थान की सियासत में इन दिनों बाबा बालकनाथ बेहद चर्चा में हैं. बाबा बालकनाथ योगी आदित्यनाथ की तरह ही नाथ संप्रदाय के रोहतक पीठ के महंत हैं. उनके गुरु बाबा चांदनाथ की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ के कहने पर ही रोहतक पीठ का महंत बनाया गया था. बता दें कि भाजपा ने इस बार चुनावी मैदान में पांच धर्मगुरुओं को उतारा था. पांचों ने जीत भी दर्ज़ की लेकिन उनमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहें बाबा बालकनाथ. बाबा बालकनाथ राजस्थान में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं. अगर बाबा बालकनाथ राजस्थान के मुख्यमंत्री बनते हैं तो बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा. कहा जा रहा है कि बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तो हरियाणा में भी बीजेपी चुनावी लाभ उठा सकती है जहां के रोहतक में नाथ संप्रदाय के 150 से ज्यादा शिक्षण संस्थाएं हैं.
2019 में पहली बार सांसद बनें थे बाबा बालकनाथ
हालाँकि बाबा बालकनाथ का राजनितिक करियर अभी बस शुरू ही हुआ है. 2019 में अलवर से पहली बार सांसद बने बाबा बालकनाथ को मंत्रालय का कोई खास अनुभव नहीं है. ऐसे में ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या भाजपा के शीर्ष नेतृत्व राज्य में एक ऐसा मुख्यमंत्री बनाएंगे जिसका अनुभव कम है. वैसे भाजपा इससे पहले ऐसा प्रयोग यूपी में योगी आदित्यनाथ के रूप में कर चुकी है और ये प्रयोग सफल भी रहा है. वैसे ये भी कहा जा रहा है कि संघ बाबा बालक नाथ का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ा रहा है. बता दें कि विधानसभा चुनावों में संघ की खास भूमिका रही है और संघ के कहने पर ही भाजपा ने पांच धर्म गुरुओं को टिकट दिया था.