Korba: छत्तीसगढ़ के कोरबा क्षेत्र के जंगलों में दंतैल हाथियों को खदड़ने की वनविभाग की सारी कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं. दंतैल हाथी को खदड़ने के लाया गया कुमकी हाथी भी वापस चला गया है. इसके पहले विभाग ने जेसीबी के माध्यम से जंगल को साफ कराया था, जिससे हाथी के निशानों का पता लगाया जा सके, लेकिन यह भी तरकीब काम नहीं आई.
माना जा रहा है कि हाथी ने जंगल में ही अपनी डेरा जमा लिया है. इसके कारण क्षेत्र के ग्रामीणों में डर बना हुआ है. ग्रामीण इलाके में लगातार ठहरने के कारण जब भी हाथियों को देखा जाता है तो वहां के सबस्टेशन की बिजली बंद कर दी जाती है, जिससे गांव वालों को बिना बिजली के रहना पड़ता है. इन हाथियों के आतंक के छुटकारा दिलाने के लिए कुमकी हाथी को मंगाया गया था, लेकिन ये हाथी भी दंतैल हाथी को भगाने में नाकाम रहा और खाली हाथ वापस चला गया.
कुमकी हाथी मनुष्यों द्वारा प्रशिक्षित होते हैं. कुमकी हाथियों का उपयोग जंगली जानवरों को भगाने के लिए किया जाता है. जब वे मानव बस्तियों में पहुंच जाते हैं तो उनको भगाने के लिए कुमकी हाथी को लाया जाता है. ये वन्यजीव संरक्षण के लिए उपयोगी हैं. जंगल में गश्त और बचाव कार्यों के लिए भी इन हाथियों का उपयोग किया जाता है. जंगली हाथियों के घायल होने पर उनके बचाव कार्य में कुमकी हाथियों का उपयोग किया जाता है.