Lok Sabha Elections 2024: बृजभूषण शरण सिंह का लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ा ऐलान

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह, जो महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच उन्होंने रविवार को घोषणा की कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) एक बार फिर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपने कैसरगंज […]

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Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह, जो महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच उन्होंने रविवार को घोषणा की कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) एक बार फिर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपने कैसरगंज से अपने लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।

बृजभूषण शरण सिंह बार-बार अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन किया है, बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर गोंडा जिले में एक रैली आयोजित की गई थी। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर मीडिया से बात की।

उन्होंने कहा, “2024 का चुनाव कैसरगंज से लड़ूंगा, लड़ूंगा, लाडूंगा (मैं कैसरगंज से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ूंगा),” उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में फिर से भाजपा बहुमत की सरकार बनाएगी।

पहलवानों के विरोध पर उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

शनिवार को उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे शीर्ष पहलवानों ने कहा था कि अगर 15 जून तक सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की सभी जांच पूरी नहीं हुई तो वे अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।

उन्होंने क्षेत्र में अपने दबदबे का प्रदर्शन करते हुए अपने आवास से जनसभा स्थल तक रोड शो भी किया।

उन्होंने 1975 के आपातकाल और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।

उन्होंने यह भी कहा कि 1960 और 70 के दशक में मोदी जैसा पीएम होता तो पड़ोसियों द्वारा हथियाई गई भारतीय जमीन मुक्त हो जाती।

पहले अयोध्या में 5 जून को बुलाई गई थी रैली

बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह की ओर से इससे पहले अयोध्या में 5 जून को रैली बुलाई गई थी। इस रैली में अयोध्या के संतों को आमंत्रित किया गया था। बृजभूषण अपने आक्रामक अंदाज और हिंदुत्ववादी छवि के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, अयोध्या में उन्हें रैली की इजाजत नहीं मिली।

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