Mahua Moitra: संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन यानि शुक्रवार को सदन से बड़ी खबर सामने आई है. बता दें, कि कैश फॉर क्वेरी (धन लेकर सदन में सवाल पूछना) मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई. इस संबंध में लोकसभा से प्रस्ताव पारित किया गया है. इस फैसले को लिए जाने के बाद महुआ मोइत्रा के समर्थन में उतरे उनकी पार्टी के सांसदों ने जमकर हंगमेबाजी की. साथ ही सभी संसद भवन से बाहर आए. जिसमें सोनिया गांधी भी शामिल थीं. इसके बाद सदन को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर हुई चर्चा
इससे पहले इस मामले को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर आधे घंटे से अधिक चर्चा की गई. इस दौरान लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने टीएमसी संसद महुआ मोइत्रा को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया. उन्होंने कहा कि मोइत्रा पहले ही अपनी बात रख चुकी हैं.
मोइत्रा का सांसद बने रहना सही नहीं: ओम बिरला
#WATCH | Cash for query matter | TMC's Mahua Moitra expelled as a Member of the Lok Sabha; House adjourned till 11th December.
— ANI (@ANI) December 8, 2023
Speaker Om Birla says, "...This House accepts the conclusions of the Committee that MP Mahua Moitra's conduct was immoral and indecent as an MP. So, it… pic.twitter.com/mUTKqPVQsG
बता दें, कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन का एलान किया. उन्होंने कहा कि, 'यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है.'
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद टीएमसी संसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मैंने सदन में अडानी का मुद्दा उठाया था. इस वजह से ही मेरी सदस्यता रद्द की गई है. एथिक्स कमेटी के पास मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं थे.
क्या है कैश फॉर क्वेरी मामला?
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले में उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लिए थे. जिसका उपयोग करके हीरानंदानी ने गौतम अडानी और अडानी समूह के खिलाफ सवाल पोस्ट किए थे. इस मामले के संबंध में मोइत्रा के खिलाफ सबसे पहली शिकायत वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा की गई थी.