Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए उमड़ी अभूतपूर्व भीड़ ने रविवार को 200-300 किलोमीटर तक का ट्रैफिक जाम लगा दिया. लाखों तीर्थयात्री अपनी कारों में सैकड़ों किलोमीटर दूर फंसे रहे, जिससे मध्य प्रदेश से प्रयागराज जाने वाले मार्गों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया.
नेटिज़न्स ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम करार दिया. मध्य प्रदेश के कटनी, जबलपुर, मैहर और रीवा जिलों से गुजरने वाले वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं. पुलिस के मुताबिक रविवार को प्रयागराज की ओर बढ़ना असंभव था, क्योंकि सड़कों पर 250 किलोमीटर से अधिक लंबा ट्रैफिक जाम था.
एक यात्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जबलपुर से पहले ही 15 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम है और प्रयागराज अभी भी 400 किलोमीटर दूर है! एक अन्य यूजर ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया 5 घंटे में सिर्फ 5 किलोमीटर का सफर तय किया. इस समय तक मुझे लखनऊ पहुंच जाना चाहिए था. खराब यातायात प्रबंधन के कारण मुझे अपनी फ्लाइट टिकट रद्द करनी पड़ी और दोगुनी कीमत पर नई टिकट लेनी पड़ी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने कटनी, जबलपुर, रीवा और मैहर जिलों में वाहनों की आवाजाही रोक दी. पुलिस ने तीर्थयात्रियों से कहा कि वह सुरक्षित स्थानों पर रुकें और सोमवार तक आगे न बढ़ें. रीवा जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि हम प्रयागराज प्रशासन के संपर्क में हैं और राजमार्गों पर भारी भीड़ के कारण वाहनों को रोका गया है. फंसे हुए यात्रियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कई तीर्थयात्री 48 घंटे से ट्रैफिक जाम में फंसे हुए हैं. 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में 10-12 घंटे लग रहे हैं. पुलिस एमपी-यूपी सीमा पर भीड़ को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर वाहनों को रोक रही है. रीवा जिला प्रशासन ने पुष्टि की कि प्रयागराज जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे जाम की स्थिति बनी हुई है. मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से तीर्थयात्रियों की सहायता करने का अनुरोध किया. उन्होंने ट्वीट किया कि सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की हरसंभव मदद करें. भोजन और आवास की व्यवस्था करें, ताकि किसी को परेशानी न हो. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले में देशविदेश से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम पर पवित्र स्नान के लिए पहुंचे हैं.