मीम्स से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी तक! देवेंद्र फडणवीस ने बदल दी पूरी चाल

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. जिसमें महायुति गठबंधन को महाजीत मिली है. जिसके बाद अब सीएम पद की दावेदारों के नामों पर चर्चा तेज हो गई है.

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Courtesy: Social Media

Maharashtra Election Results 2024: महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की महा जीत हुई है. बीजेपी ने शानदारी वापसी की है. इस जीत के साथ राज्य में एक और बात पर चर्चा तेज हो गई है वो बात कुछ और नहीं बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा है. इस रेस में देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे हैं. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे से मुख्यमंत्री पद हारने के बाद उनके नारे 'मी पुन्हा येईन' (मैं वापस आऊंगा) का भी मजाक उड़ाया गया था. अब महाराष्ट्र में शानदार जीत का श्रेय फडणवीस को दिया जा रहा है. 

बीजेपी ने महाराष्ट्र में 132 सीटों के साथ शानदार प्रदर्शन किया, जो राज्य में पार्टी का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. हालांकि बहुमत से 11 सीटें कम होने के बावजूद पार्टी ने अपनी स्थिति मजबूत की है. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं, जैसे विनोद तावड़े और पंकजा मुंडे ने फडणवीस के घर जाकर उन्हें बधाई दी. यह जीत केवल भाजपा की ही नहीं, बल्कि फडणवीस के नेतृत्व और उनकी रणनीतिक समझ की भी जीत बताई जा रही  है.

संघ से पुराना रिश्ता 

आज महायुति के तीनों प्रमुख दलों के नेताओं की मुंबई में बैठक होनी है. जिसके बाद महाराष्ट्र के नए सीएम का नाम घोषित किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकते हैं, उनके साथ अजीत पवार को भी उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है. चार महीने पहले ऐसा लग रहा था कि भाजपा के खराब लोकसभा प्रदर्शन के बाद फडणवीस को दिल्ली भेज दिया जाएगा, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में बनाए रखने के लिए दबाव डाला था. आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि महायुति अगर सत्ता में आती है तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. जिसके लिए फडणवीस को पहचाना जाएगा. 

भाजपा को दिलाई जीत 

चुनाव प्रचार के दौरान फडणवीस ने लगभग 65 रैलियों को संबोधित किया था. उनहोंने इस दौरान कई चुनावी नारे भी दिए. जिसमें वोट जिहाद और बताएंगे तो कितेंगे का नारा सबसे गर्म था. फडणवीस और संघ का पुराना नाता रहा है. उनके पिता गंगाधरराव भी भाजपा से जुड़े थे. वहीं अगर एकनाथ शिंदे के साथ इनके रिश्ते की बात करें तो ये काफी  उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं, खासकर मराठा आंदोलन के दौरान. हालांकि, फडणवीस ने शिंदे के साथ मिलकर काम किया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.चुनाव परिणामों के बाद, फडणवीस ने कहा, हमने एक टीम के रूप में काम किया है और यह हमारी सामूहिक जीत है. मुख्यमंत्री पद पर फैसला तीनों दलों के शीर्ष नेताओं द्वारा लिया जाएगा. 

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