India-Maldives Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव सरकार के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मामला गर्मा गया था. जिसका भारत में कड़ा विरोध हुआ. देश भर में बायकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा. देश भर में लोग मालदीव का विरोध करने लगे. वहीं, अब मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री ने मामले पर सफाई देते हुए माफी मांगी है. MATI ने कहा कि वो ऐसे अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है. मालदीव के इतिहास में भारत हमेशा मुसीबत के समय सबसे पहले आगे आता है.
The Maldives Association of Tourism Industry (MATI) strongly condemns the derogatory comments made by some Deputy Ministers on social media platforms, directed towards the Prime Minister of India, His Excellency Narendra Modi as well as the people of India: Maldives Association… pic.twitter.com/QJkAWBkKq6
— ANI (@ANI) January 9, 2024
मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री ने अपना बयान जारी करते हुए लिखा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भारत के लोगों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणियों की हम कड़ी निंदा करते हैं. भारत हमारे निकटतम पड़ोसियों और सहयोगियों में से एक है. MATI द्वारा जारी बयान में कहा गया, ''भारत हमेशा हमारे संकट भरे पल में पहला मददकर्ता रहा है. हम सरकार के साथ-साथ भारत के लोगों की तरफ से हमारे साथ बनाए गए घनिष्ठ संबंधों के लिए बेहद आभारी हैं.
भारत और मालदीव के बीच बढ़ते विवाद के बीच सोशल मीडया पर #Boycott Maldives ट्रेंड करने लगा. इसी के बाद कई भारतीयों ने मालदीव में छुट्टियां रद्द करना शुरू कर दिया. बता दें कि मालदीव के मंत्रियों ने पीएम मोदी आपत्तिजनकर टिप्पणी करते हुए उनकी लक्षद्वीप की यात्रा का मजाक बनाया था. जिसके बाद भारतीय नाराज हो गए और उनकी आलोचना करने लगे. इसी के साथ मालदीव ने इस मामले में स्वंत संज्ञान लेते हुए अपने तीन सांसदों को संस्पेंड कर दिया. इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर मालदीव सरकार का कहना है कि यह सांसदों की निजी राय थी. इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.