मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, राजनीतिक हलचल तेज

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के कुछ घंटे बाद आया. इससे पहले भाजपा की राज्य इकाई में गहरे मतभेद देखे गए थे और विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की धमकी दी जा रही थी.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Manipur: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के कुछ घंटे बाद आया. इससे पहले भाजपा की राज्य इकाई में गहरे मतभेद देखे गए थे और विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की धमकी दी जा रही थी. राज्य में पिछले दो वर्षों से जारी जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.  

रविवार शाम करीब 5:30 बजे बीरेन सिंह ने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा. इस घटनाक्रम के बाद बजट सत्र को रद्द कर दिया गया. अपने इस्तीफे में सिंह ने लिखा, 'मणिपुर की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है. राज्य के विकास कार्यों और शांति स्थापित करने में केंद्र सरकार का सहयोग अतुलनीय रहा है.' उनके साथ भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा, प्रदेश अध्यक्ष ए. शारदा और 19 विधायक मौजूद थे.  

ऑडियो टेप की फोरेंसिक जांच

सिंह का इस्तीफा ऐसे समय में आया जब सुप्रीम कोर्ट ने एक लीक हुए ऑडियो टेप की फोरेंसिक जांच के आदेश दिए थे. इस टेप में कथित तौर पर सिंह को यह कहते हुए सुना गया कि राज्य में जातीय हिंसा उनके इशारे पर भड़काई गई थी. विपक्ष ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा और सिंह को देर से हटाने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, मणिपुर में हिंसा, जानमाल की हानि और भारत के विचार के विनाश के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पद पर बनाए रखा.  

लोगों का फूंटा गुस्सा

मैतेई समुदाय के कुछ संगठनों ने इसे गलत समय पर लिया गया फैसला बताया, जबकि कुकी संगठनों का कहना था कि यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था. मणिपुर इंटीग्रिटी संगठन (कोकोमी) के पूर्व समन्वयक जीतेंद्र निंगोंबा ने कहा, यह इस्तीफा मणिपुर के लिए सही नहीं है. इससे कुकी अलगाववादियों को बल मिलेगा. वहीं इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग ने कहा, हमें पहले से ही अंदाजा था कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया जाएगा, इसलिए उन्होंने खुद ही इस्तीफा देना उचित समझा.  सिंह के इस्तीफे से भाजपा के भीतर जारी असंतोष खत्म हो गया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पुष्टि की कि सोमवार को भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. भाजपा के कुछ विधायकों ने सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पार्टी के कई विधायक अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष में बैठने की धमकी दे चुके थे.  

Tags :