Manipur Violence: मणिपुर में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ये विवाद आज से नहीं लगभग पिछले दो सालों से चला आ रहा है. हालांकि बीच में यह मामला थोड़ा शांत हुआ था लेकिन नवंबर महीने में एक बार फिर इस विवाद ने रफ्तार पकड़ ली है. राज्य में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसके कारण कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दी गई है. वहीं इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित है.
दो समुदायों के बीच चल रहे विवाद को लगातार कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए राज्य में भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए. गृहमंत्री अमित शाह ने खुद इस मुद्दे से जुड़ा कई अहम फैसला लिया. हालांकि इसके बाद भी यह विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है.
एक बार फिर भड़की हिंसा
मणिपुर में चल रही ये लड़ाई अपने वर्चस्व की लड़ाई है. कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आपस में खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने की कोशिश में जुटे हैं. जिसके कारण राज्य के कई इलाके आग के चपेट में हैं. कुकी समुदाय अपने मांग को लेकर सड़क पर उतर आएं हैं. वहीं मैतेई अपने समुदाय से मारे गए 6 लोगों का हिसाब करने के लिए सड़क पर उतर चुकी है. यह मामला एक बार फिर तब हाइलाइट हुआ जब जिरीबाम में कुकी उग्रवादियो ने सुरक्षाबलों पर हमला किया. उनके इस हमले के जवाब में कुछ उग्रवादियों को अपनी जान खोनी पड़ी. हालांकि इसके बाद मैतेई समाज के एक परिवार की तीन महिलाओं और तीन बच्चों को अगवा कर लिया गया. चार दिनों बाद इनसभी के शव असम-मणिपुर सीमा पर मिले. जिसके बाद इस विवाद ने रफ्तार पकड़ ली.
केंद्र सरकार ने लिया एक्शन
मैतेई समुदाय में इस घटना को लेकर काफी गुस्सा है. जिसके कारण वो कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य में बढ़ रहे विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से और 5 हजार जवानों को सुरक्षा के लिए भेजा गया है. राज्य में पहले से ही 40 हजार केंद्रीय बल मौजूद है. इसके बाद भी लगातार हो रही हिंसा को देखते हुए प्रशासन को और भी ज्यादा अलर्ट किया गया है. हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकार भी लगातार कोशिश में जुटी है. हिंसा और भी ज्यादा ना बढ़े इसके लिए 23 नवंबर तक इंटरनेट सेवा बंद की जा चुकी है. इसके अलावा कई इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया है. राज्य के इस माहौल को लेकर लोकल लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. साथ ही रीजनल पार्टियों ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
राजनीतिक हलचल भी तेज
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने सीएम बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए बीजेपी से अपना समर्थन भी वापस ले लिया था. जिसके बाद सीएम बीरेन सिंह की अध्यक्षता में एनडीए की बैठक की गई. हालांकि इस बैठक में भी 37 में से केवल 19 विधायकों ने ही हिस्सा लिया. हालांकि मणिपुर के सीएम ने हिंसा का जिम्मेदार कांग्रेस और उनके नेता पी चिदंबरम को बताया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब चिदंबरम कांग्रेस सरकार के दौरान गृह मंत्री थे तब उन्होंने ने ही म्यांमार के जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी के अध्यक्ष थांगलियानपाउ गुइते को मणिपुर लाया था. जिसपर खुद म्यांमार ने प्रतिबंध लगा रखा था. उनके इस फैसले के कारण आज ये सारी समस्याएं हो रही है.