लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाजी में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इस कदम से बसपा में एक नई हलचल मच गई है, क्योंकि डॉ. सिद्धार्थ पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण चेहरा माने जाते थे.
पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक सिद्धार्थ को उनके गुटबाजी के आरोपों के बाद पार्टी से निकाला गया है. डॉ. सिद्धार्थ के साथ ही बसपा के मेरठ जिले के प्रभारी नितिन सिंह को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. ये दोनों नेता पार्टी के दक्षिणी राज्यों के संचालन में जिम्मेदार थे. पार्टी के भीतर गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते यह निर्णय लिया गया है.
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस निष्कासन की घोषणा करते हुए कहा, "बसपा की ओर से विशेषकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद और श्री नितिन सिंह, जिला मेरठ को चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है."
डॉ. अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद के ससुर बताए जाते हैं. इस रिश्ते के बावजूद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, जिससे पार्टी के अंदर के समीकरणों पर सवाल उठने लगे हैं.
यह घटनाक्रम बसपा के भीतर की राजनीतिक स्थिति को एक नया मोड़ देता है. मायावती का यह कदम पार्टी के भीतर अनुशासन और एकता की कोशिशों का संकेत है, जबकि इससे पार्टी के भीतर की ताकतवर राजनीतिक धाराओं के बीच संघर्ष भी सामने आया है.