नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को दावा किया कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव हो सकता है. उनका कहना था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार के बाद पार्टी के विधायक बड़ी संख्या में आप को छोड़ सकते हैं.
रंधावा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली में चुनावी हार के बाद अब पंजाब में आप पार्टी के विधायकों का अन्य दलों से संपर्क बढ़ सकता है. "उनकी (आप) बैठकें दिल्ली में हो रही हैं, जबकि केजरीवाल को पंजाब में होना चाहिए था," रंधावा ने कहा. उनका मानना है कि पार्टी के कई विधायक अब अलग-अलग दलों के संपर्क में हैं और कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने की संभावना है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर रंधावा ने कहा, “केजरीवाल ने कहा था कि अगर मैं भ्रष्ट हूं, तो मुझे वोट मत देना. अब दिल्लीवासियों ने अपनी मुहर लगा दी है और केजरीवाल बुरी तरह हार गए.” यह बयान उन्होंने पंजाब में आंतरिक असंतोष की बढ़ती अटकलों और पार्टी की स्थिति पर दिया. रंधावा ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार को दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्य के अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे, लेकिन यह बैठक पार्टी के आंतरिक विवादों को सुलझाने के बजाय दिल्ली में हार के बाद हो रही है.
रंधावा ने यह भी कहा कि आप के कई विधायक भाजपा से संपर्क में हैं. "मुख्यमंत्री भगवंत मान लंबे समय से दिल्ली के संपर्क में हैं. अगर वे भाजपा के संपर्क में रहेंगे तो मुझे लगता है कि भविष्य में पंजाब को नुकसान होगा," रंधावा ने चेतावनी दी.
रंधावा ने यह भी दावा किया कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव हो सकता है. उन्होंने कहा, “अगर कुछ नेता भाजपा में जाते हैं तो उपचुनाव होंगे, लेकिन अगर आप विधायक कहीं जाते हैं तो वे कांग्रेस में आ सकते हैं, क्योंकि भाजपा का पंजाब में कोई भविष्य नहीं है.”