बाजरा: कभी गरीबों का मुख्य भोजन अब अमीरों की भी पसंद बना: भूपेंद्र पटेल

अहमदाबाद :  गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को कहा कि पहले जो बाजरा (मोटा अनाज) गरीबों और निम्न आय वर्ग के लोगों का मुख्य आहार था, वह आज अमीरों की पसंद बन चुका है. अब बाजरा का उपयोग शादियों में विशेष स्टॉल्स पर भी देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने यह बयान राज्य स्तरीय 'बाजरा महोत्सव एवं प्राकृतिक कृषक बाजार-2025' का उद्घाटन करते हुए दिया.

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Courtesy: social media

अहमदाबाद :  गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को कहा कि पहले जो बाजरा (मोटा अनाज) गरीबों और निम्न आय वर्ग के लोगों का मुख्य आहार था, वह आज अमीरों की पसंद बन चुका है. अब बाजरा का उपयोग शादियों में विशेष स्टॉल्स पर भी देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने यह बयान राज्य स्तरीय 'बाजरा महोत्सव एवं प्राकृतिक कृषक बाजार-2025' का उद्घाटन करते हुए दिया.

बाजरा की बढ़ती लोकप्रियता

मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, "कुछ दशक पहले भारत में बाजरा का सेवन गरीब परिवारों द्वारा किया जाता था, लेकिन अब यह अमीरों के बीच भी लोकप्रिय हो गया है. यहां तक कि शादियों में भी बाजरे के विशेष स्टॉल्स लगाए जाते हैं." उन्होंने बताया कि बाजरा आधारित खाद्य पदार्थ अब बाजारों में उपलब्ध हैं और मोटे अनाज की पूरी आपूर्ति प्रक्रिया का विकास हो रहा है.

मोटे अनाज की महत्ता और विविधता

भारत में पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों में रागी, ज्वार, छोटा बाजरा, बाजरा और प्रोसो बाजरा प्रमुख हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मोटे अनाज प्राचीन काल से भारतीय खानपान का हिस्सा रहे हैं और यह हमारे देश की विरासत का हिस्सा हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बैक टू बेसिक' मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विचार से देश और दुनिया को स्वस्थ जीवन की दिशा मिली है, जिसमें 'श्री अन्न' (बाजरा) की खेती और प्राकृतिक खेती के विस्तार पर जोर दिया गया है.

कृषि क्षेत्र में नई पहल

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद जिले में गुजरात राज्य बीज निगम लिमिटेड के तीन गोदाम परिसरों और जामनगर जिले में एक गोदाम परिसर का उद्घाटन किया. उन्होंने राज्य कृषि विभाग को सात नगर पालिकाओं में बाजरा महोत्सव आयोजित करने के लिए शुभकामनाएं दीं.

किसान संगठन और महिला समूहों की सफलता

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में कई किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और महिला स्वयं सहायता समूह बाजरा उत्पादन में सक्रिय हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बने हैं. इस पहल से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. 

बाजरा: सेहत के लिए लाभकारी

कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने इस अवसर पर बाजरा की सेहतमंद विशेषताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "बाजरा बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है." 

बाजरा की बढ़ती लोकप्रियता और इसके पोषण से भरपूर गुणों को देखते हुए, यह साफ है कि बाजरा अब सिर्फ गरीबों का भोजन नहीं बल्कि समृद्धि और सेहत का प्रतीक बन चुका है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का यह भाषण बाजरे के महत्व को उजागर करता है और इस अनाज के विस्तार के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करता है. 
 

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