अमेरिकी अदालत में गिड़गिड़ाने का कोई फायदा नहीं! मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाने की तैयारी तेज

मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने की कवायद तेज हो गई है. मिल रही जानकारी के मुताबिक खुफिया और जांच अधिकारियों की एक विशेष टीम कल सुबह तक उसे भारत लेकर आएगी.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Tahawwur Rana: मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने की कवायद तेज हो गई है. मिल रही जानकारी के मुताबिक खुफिया और जांच अधिकारियों की एक विशेष टीम कल सुबह तक उसे भारत लेकर आएगी. अमेरिकी अदालत द्वारा दी गई सिफारिश के मुताबिक दिल्ली और मुंबई की दो जेलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गी  है. 

तहव्वुर राणा ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने खुद को भारत प्रत्यर्पित ना करने की अपील की थी. हालांकि अदालत की ओर से उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद अब उसे भारत लाया जा रहा है. सरकारी सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राणा के भारत आने के बाद उसे पूछताछ और जांच के शुरुआती हफ्तों के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में रखा जाएगा.

भारत वापस लाने की पूरी जिम्मेदारी

आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ-साथ एनआईए और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा रही है. पाकिस्तानी मूल के राणा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सक्रिय सदस्य बताया जाता है. उन्होंने डेविड कोलमैन हेडली (उर्फ दाऊद गिलानी) के लिए यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो एक पाकिस्तानी-अमेरिकी था और जिसने मुंबई में प्रमुख लक्ष्यों की टोह ली थी. इन स्थानों पर बाद में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी से रसद और रणनीतिक समर्थन के साथ लश्कर के आतंकवादियों ने हमला किया था.

170 से अधिक लोगों के मौत का जिम्मेदार

मुंबई हमले से पहले कथित तौर पर राणा 11 से 21 नवंबर, 2008 के बीच दुबई के रास्ते मुंबई पहुंचा था. माना जाता है कि पवई में होटल रेनेसां में ठहरने के दौरान उसने हमलों के लिए रसद तैयारियों की समीक्षा की थी.  जिसके बाद 26 नवंबर को हुए हमले में 170 से अधिक लोग मारे गए. अब तक, घातक हमले के लिए केवल एक लश्कर आतंकवादी अजमल कसाब को दोषी ठहराया गया है, जिसे घेराबंदी के दौरान अधिकारियों ने जिंदा पकड़ लिया था.

Tags :