Indian Navy: भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने आज यानि मंगलवार को स्वदेश में निर्मित नेवल एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है. इस परीक्षण को सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर के द्वारा किया गया. यह मिसाइल परीक्षण रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और अहम कदम है. इस दौरान नौसेना और डीआरडीओ के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस टेस्ट पर नजर बनाए रखी.
सीकर और गाइडेंस तकनीक का भी किया गया परीक्षण
भारतीय नौसेना द्वारा किए गए इस परीक्षण में मिसाइल की 'सीकर और गाईडेन्स' तकनीक का भी टेस्ट किया गया है. किसी भी मिसाइल का उसके तय लक्ष्य को भेदना ही गाइडेंस तकनीक का हिस्सा कहलाता है. नौसेना द्वारा एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें साफ देखा जा रहा है कि महासागर के ऊपर उड़ रहे भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर ने एंटी शिप मिसाइल फायर की, जिसने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को टारगेट किया. इससे पहले भी नौसेना द्वारा बीते साल डीआरडीओ के साथ मिलकर एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था.
#WATCH | Indian Navy and DRDO successfully undertook Guided Flight Trials of the first indigenously developed Naval Anti-Ship Missile from Seaking 42B helicopter today. This firing is a significant step towards achieving self-reliance in niche missile technology, including seeker… pic.twitter.com/CkTi3aXFr4
— ANI (@ANI) November 21, 2023
आत्मनिर्भरता की दिशा में और बढ़ रहा भारत
बता दें, कि भारत सरकार द्वारा रक्षा उत्पादन मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाए जाने को लेकर प्रयास किये गए हैं. इसको ध्यान में रखते हुए डीआरडीओ, डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड अहम भूमिका निभाता दिखाई दे रहा है. इस समय भारत हथियारों की आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर विदेशों पर निर्भर है लेकिन अब सरकार हथियारों के आयात को रोकने के लिए देश में ही हथियारों के निर्माण और तकनीक के अदान-प्रदान के लिए समझौते कर रही है.
इस दिशा में देश में इंटीग्रेटिड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिए चार मिसाइल सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल, त्रिशूल और नाग मिसाइल सिस्टम शामिल हैं.