नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2010 की तुलना में 2024 में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है. इसके अलावा, नक्सली हिंसा में सुरक्षाकर्मियों और आम लोगों की मौत के मामलों में 64 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह कमी सुरक्षा बलों की सक्रियता और नक्सलवादियों के खिलाफ किए गए प्रभावी अभियानों के परिणामस्वरूप हुई है.
नित्यानंद राय ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की संयुक्त रणनीति ने नक्सली गतिविधियों पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय स्तर पर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशनों की सफलता के कारण हिंसा में यह गिरावट आई है.
इसके अलावा, स्थानीय लोगों का सहयोग भी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण रहा है. राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है, जिससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास और सुरक्षा बलों के प्रति सहयोग बढ़ा है.
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में कई और योजनाएं बनाई जा रही हैं. सुरक्षा बलों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है.
छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में आई कमी न केवल सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि इसमें स्थानीय समुदाय का भी महत्वपूर्ण योगदान है. यह दर्शाता है कि जब केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करती हैं, तो नक्सलवाद जैसी गंभीर समस्या को भी प्रभावी तरीके से हल किया जा सकता है.