धनखड़ को पद से हटाने का प्लान, विपक्ष के लिए कितना कारगार?

राज्यसभा के सभापति और विपक्षी सांसदों से काफी नोंकझोंक के बीच विपक्ष अब सभापति जगदीप धनखड़ को उनको पद हटाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव पेश करने के लिए विपक्ष के 87 सांसदों ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं. विपक्ष ने प्रस्ताव लाने के पीछे सभापति के सदन में पक्षपात पूर्ण रवैया का तर्क दिया है.

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राज्यसभा में कल यानी 9 अगस्त को विपक्षी सांसदों और सदन के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच काफी नोंकझोंक हुई. विपक्षी सांसद सभापति पर आरोप लगा रहे हैं कि सभापति महोदय सदन में भेदभाव का रवैया अपना रहे हैं. कल हंगामे के बाद विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट (बहिर्गमन) कर गए. अब यह मामला इतना बढ़ गया है कि विपक्षी सांसद  उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पद हटाने वाले प्रस्ताव पर इंडिया ब्लॉक तमाम विपक्षी दलों के सांसदों को मिलाकर कुल 87 सांसदों ने अपने दस्तखत कर दिए हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि विपक्ष के सांसदों ने दो दिन पहले ही राज्यसभा सदन के नेता जेपी नड्डा को उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के प्रस्ताव के बारे में सूचित कर दिया था. प्रस्ताव को पेश करने के नोटिस और समय पर पर अभी फैसला नहीं हुआ है. 

विपक्षी के नारजगी की वजह

विपक्ष की नाराजगी है कि सभापति जगदीप धनखड़ सदन में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते हैं. संसदीय नियमों को दरकिनार करते हुए सभापति महोदय के इशारे पर विपक्षी सांसदों के माइक बंद कर दिए जाते हैं. विपक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों जब राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोलने के लिए खड़े हुए तो उनका माइक बंद कर दिया गया. अभी पिछले ही दिन समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के साथ सभापति की काफी नोंकझोंक हुई थी. 

पूरा मामला यह है कि जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सांसद जया बच्चन को सदन में बोलने के लिए उनको पुकारा. सभापति जगदीप धनखड़ ने उनका नाम 'जया अमिताभ बच्चन' पुकारा जिस पर सांसद जया बच्चन ने नाराजगी जताई थी. कल जया बच्चन ने सभापति को उनके लहजे और टोन को लेकर सवाल किया जिस पर सभापति ने कहा कि यहां सभी का आत्मसम्मान बराबर है. आप अकेले नहीं हैं. जगदीप धनखड़ और जया बच्चन के तीखी बहस के बाद इंडिया ब्लॉक की अगुवाई कर रहीं सोनिया गांधी ने विपक्षी सांसदों के साथ सदन से वॉकआउट कर गईं. 

क्या है सभापति के हटाने की प्रक्रिया?

भारत का उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सदन का सभापति होता है. राज्यसभा की कार्यवाही सभापति के अध्यक्षता में होती है. सभापति सदन की कार्यवाही को सही तरीके से चलाने के लिए बाध्य होता है. सभापति को उनके पद से हटाने के लिए उन्हें उपराष्ट्रपति के पद से हटाना होगा. ऐसे में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 में पद से हटाने की प्रक्रिया के बारे में सही तरीके से बताया गया है. उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों के बहुमत से और लोकसभा मे एक प्रस्ताव के पारित होने के जरिए से हटाया जा सकता है लेकिन प्रस्ताव को  पेश करने से 14 दिन पहले सूचना देना जरूरी है. बिना 14 दिन पहले  नोटिस दिए प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता है. 

हटाने के लिए विपक्ष के पास बहुमत?

विपक्ष भले ही उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए प्रस्ताव ला रहा है, लेकिन उसको संसद से पास कराना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि विपक्ष के पास बहुमत नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा के 245 सीटों में 19 सीटें अभी खाली हैं. राजग के 101, इंडिया के 87 और अन्य पार्टियों के 29 सांसद हैं. बहुमत के लिए के 114 सांसदों की दरकार होती है.

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