Rarest of the Rare नहीं...,आरजी कर मामले में अदालत की सजा से संतुष्ट नहीं परिवार, न्यायाधीश के तर्क से सब हैरान

कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में अदालत के फैसले से उनके परिवार और लोगों में असंतुष्टता का माहौल है. इस मामले पर आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने तर्क दिया कि अपराध को  'दुर्लभतम ' यानी  Rarest of the Rare श्रेणी में नहीं रखा जा सकता .

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Courtesy: Social Media

Kolkata Rape and Murder: आरजी कर कर मामले में अपराधी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. हालांकि अदालत का यह फैसला लोगों की उम्मीदों के विपरीत था. लोग उम्मीद कर रहे थे कि अपराधी को मृत्यु दंड दी जाएगी, लेकिन ऐसा हनीं हुआ. क्योंकि अदालत की ओर से यह तर्क दिया गया कि यह अपराध Rarest of the Rare नहीं था.

अदालत की ओर से दी गई सजा से निराशा की लहर दौड़ गई. क्योंकि पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि उसके साथ बलात्कार करने से पहले उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया. जो की किसी भी इंसान के लिए बेहद ही भयानक होता है. लेकिन इसके बाद भी अपराधी पर अदालत का रहम खाना लोगों को पीड़िता का अपमान लग रहा है. 

सियालदह अदालत का तर्क 

सियालदह अदालत के एक वकील ने न्यायाधीश द्वारा सुनाए गए इस फैसले के पीछे दिए गए तर्क को बताया . अधिवक्ता रहमान ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सत्र न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश ने तर्क दिया कि अपराध को  'दुर्लभतम ' यानी  Rarest of the Rare श्रेणी में नहीं रखा जा सकता . सियालदह के सत्र न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश ने संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है . न्यायालय ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया .

सीबीआई ने मामले में दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी . न्यायाधीश की ओर से कहा गया कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है, जिसकी वजह से अपराधी को मृत्युदंड नहीं दिया गया है. सियालदह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने शनिवार को रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के खिलाफ अपराध करने का दोषी पाया था .

मृतक के परिवार को मुआवजा

अदालत ने आज रॉय को ₹50,000 का जुर्माना भरने का आदेश दिया और राज्य सरकार को मृतक डॉक्टर के परिवार को ₹17 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया . न्यायाधीश ने मृत्युदंड के लिए सीबीआई की याचिका को अस्वीकार कर दिया. न्यायाधीश ने आगे कहा कि धारा 66 के तहत संजय रॉय अपनी मृत्यु तक जेल में रहेंगे . दास ने कहा कि चूंकि पीड़िता की मौत अस्पताल में ड्यूटी के दौरान हुई, जो उसका कार्यस्थल था, इसलिए डॉक्टर के परिवार को मुआवजा देना राज्य की जिम्मेदारी है . इससे पहले संजय रॉय ने दावा किया कि उन्हें फंसाया जा रहा है .

रॉय ने अदालत से कहा कि मैंने कोई अपराध किया ही नहीं, मुझे फंसाया जा रहा है . मैंने कुछ भी नहीं किया है और फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया है . पीड़िता के माता-पिता हैरान मृतक के माता-पिता ने कहा कि वह अदालत के फैसले से खुश नहीं है. मां ने कहा हम इस बात से हैरान हैं, अदालत को यह दुर्लभतम मामला कैसे नहीं लग रहा है? ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर के साथ रेप कर के उसकी हत्या कर दी गई. 

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