Army Chief: सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से पर्यटन की ओर बदलाव देखा जा रहा है.
जनरल द्विवेदी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि हुई है, खासकर उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्रों में भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2023 में मारे गए 60% आतंकवादी पाकिस्तान मूल के थे और वर्तमान में 80% से अधिक सक्रिय आतंकवादी भी पाकिस्तानी हैं. पड़ोसी मुल्क पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है और यह क्षेत्र में अशांति फैलाने की कोशिशों में लगा हुआ है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए आपातकालीन खरीद शक्तियां दी हैं. भले ही आतंकी हमले और घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं, लेकिन जनरल द्विवेदी ने कहा कि 2021 में पाकिस्तान के साथ हुआ संघर्ष विराम समझौता अब भी लागू है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सशस्त्र बलों के साथ गतिरोध पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि स्थिति 'संवेदनशील लेकिन स्थिर' है. 2024 में देपसांग और डेमचोक में स्थिति का समाधान किया गया. लेकिन अभी सर्दियों के दौरान सैनिकों की संख्या में कमी करने की कोई योजना नहीं है. न्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच विश्वास निर्माण उपायों की प्रगति और कूटनीतिक चर्चाओं के आधार पर गर्मियों से पहले सैन्य तैनाती की समीक्षा की जाएगी.
जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि बफर जोन का निर्माण केवल अस्थायी था ताकि संभावित टकराव को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि पारंपरिक गश्त और चराई क्षेत्रों में गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं. भारत की सैन्य तैनाती को 'संतुलित और मजबूत' बताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. कोर कमांडरों को स्थानीय मुद्दों को हल करने के लिए अधिकार दिए गए हैं ताकि छोटे विवाद बड़े संकट में न बदलें.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि अप्रैल 2020 के बाद की परिस्थितियों ने भारत और चीन के बीच विश्वास की नई परिभाषा की आवश्यकता को जन्म दिया है. सेना प्रमुख का यह बयान भारत की सुरक्षा तैयारियों और चुनौतियों को रेखांकित करता है. उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन और एलएसी पर चीन के साथ जारी संवेदनशील स्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए भारत की सशक्त सैन्य तैनाती पर जोर दिया.