केरल में नर्सिंग कॉलेज रैगिंग मामला: प्राचार्य और सहायक प्रोफेसर निलंबित

कोट्टायम :  केरल के कोट्टायम स्थित सरकारी नर्सिंग कॉलेज में छात्रावास में रैगिंग की एक घिनौनी घटना के बाद कॉलेज की प्राचार्य और सहायक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है.

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Courtesy: social media

कोट्टायम :  केरल के कोट्टायम स्थित सरकारी नर्सिंग कॉलेज में छात्रावास में रैगिंग की एक घिनौनी घटना के बाद कॉलेज की प्राचार्य और सहायक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है.

निलंबन की कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया गया कि कॉलेज की प्राचार्य सुलेखा ए टी और सहायक प्रोफेसर/सहायक वार्डन प्रभारी अजेश पी मणि को रैगिंग रोकने में विफल रहने के आरोप में जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही, छात्रावास के हाउसकीपर और सुरक्षाकर्मी को भी तत्काल हटा दिया गया है. यह कार्रवाई स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा की गई जांच के बाद की गई है.

रैगिंग के वीडियो से उभरी सनसनी

बृहस्पतिवार को कॉलेज में एक जूनियर छात्र की रैगिंग के भयानक वीडियो सामने आए. इन वीडियो में देखा गया कि छात्र को खाट से बांधकर, उसे कंपास से बार-बार चुभोने जैसा अमानवीय कृत्य किया जा रहा था. गांधीनगर पुलिस को जो फुटेज प्राप्त हुए हैं, उसमें छात्र के आधे कपड़े उतार दिए गए थे और उसके साथ बर्बरता की गई थी, जिसमें उसके गुप्तांगों पर डंबल रखकर उसे प्रताड़ित किया गया. इसके अलावा, छात्र के चेहरे पर क्रीम लगाने के बाद उसे मुंह में डालने जैसा घृणित कृत्य भी किया गया.

आरोपी छात्रों की गिरफ्तारी

रैगिंग की यह घटना लड़कों के छात्रावास में हुई थी, जहां प्रथम वर्ष के नर्सिंग छात्रों को निशाना बनाया गया था. इस मामले में तीसरे वर्ष के पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए छात्रों में सैमुअल जॉनसन (20), राहुल राज (22), जीव (18), रिजिल जीत (20) और विवेक (21) शामिल हैं. 

रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई

इस घटना के बाद, सरकारी मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज में पिछले तीन महीनों से हो रही रैगिंग की शिकायतों के आधार पर रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

विपक्षी दलों का आरोप

कांग्रेस नीत विपक्षी दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि इस रैगिंग मामले में शामिल छात्रों का संबंध वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई से है.

यह मामला न केवल केरल में शिक्षा संस्थानों में रैगिंग की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस प्रकार के कृत्यों को रोकने के लिए सख्त और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. सरकार ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अब यह देखना होगा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और कौन से कदम उठाए जाएंगे. 

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